सीसीपीए का भ्रामक दावों के विज्ञापन के लिए विजन आईएएस पर 3 लाख रुपये का जुर्माना
Jan 25, 2025, 14:34 IST

नई दिल्ली, 25 जनवरी केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सीएसई 2020 के परिणाम के बारे में कथित रूप से भ्रामक दावों का विज्ञापन करने के लिए विजन आईएएस कोचिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के मद्देनजर विजन आईएएस कोचिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में सीसीपीए ने विजन आईएएस के खिलाफ यह आदेश जारी किया है। सीसीपीए ने अपनी जांच में पाया कि संस्था ने सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया। हालांकि, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में उक्त सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी उपर्युक्त विज्ञापन में प्रकट नहीं की गई थी। सीसीपीए का ये निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए लिया गया था।
मंत्रालय के मुताबिक यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो। विजन आईएएस ने अपने विज्ञापन में निम्नलिखित दावा किया है, जिसकी जांच केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने किया है। दरअसल “विजन आईएएस के विभिन्न कार्यक्रमों से सीएसई 2020 में शीर्ष 10 चयनों में 10” का दावा किया था।
उल्लेखनीय है कि विजन आईएएस यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए भारत का प्रमुख शोध और प्रशिक्षण संस्थान है। यह संस्थान युवाओं को ऑफलाइन और ऑनलाइन सामान्य अध्ययन के लिए फाउंडेशन कोर्स की तैयारी कराता है।
उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के उल्लंघन के मद्देनजर विजन आईएएस कोचिंग पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में सीसीपीए ने विजन आईएएस के खिलाफ यह आदेश जारी किया है। सीसीपीए ने अपनी जांच में पाया कि संस्था ने सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों को प्रमुखता से प्रदर्शित किया। हालांकि, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2020 में उक्त सफल उम्मीदवारों द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम के संबंध में जानकारी उपर्युक्त विज्ञापन में प्रकट नहीं की गई थी। सीसीपीए का ये निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और संवर्धन के लिए लिया गया था।
मंत्रालय के मुताबिक यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसी भी वस्तु या सेवा का कोई गलत या भ्रामक विज्ञापन न किया जाए, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन करता हो। विजन आईएएस ने अपने विज्ञापन में निम्नलिखित दावा किया है, जिसकी जांच केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने किया है। दरअसल “विजन आईएएस के विभिन्न कार्यक्रमों से सीएसई 2020 में शीर्ष 10 चयनों में 10” का दावा किया था।
उल्लेखनीय है कि विजन आईएएस यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए भारत का प्रमुख शोध और प्रशिक्षण संस्थान है। यह संस्थान युवाओं को ऑफलाइन और ऑनलाइन सामान्य अध्ययन के लिए फाउंडेशन कोर्स की तैयारी कराता है।