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गंगा के कछार में कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती करने वाले किसान लाभान्वित होंगे

कद्दूवार्गीय सब्जियों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम, किसानों को दी गई जानकारी 
 
गंगा के कछार में कद्दूवर्गीय सब्जियों की खेती करने वाले किसान लाभान्वित होंगे 
वाराणसी,14 फरवरी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी के पहल पर गंगा किनारे रिवर बेड (दियारा क्षेत्र) परियोजना के अंतर्गत कद्दूवर्गीय सब्जियों की परंपरागत खेती में आधुनिकता का समावेश विषयक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अदलपुरा स्थित गंगा नदी के कछार में संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर पी.एम. सिंह ने किसानों को वैज्ञानिकों से जुड़कर फसल संबंधी समस्याओं का निदान पाने की अपील की। उन्होंने सब्जी फ़सल सुधार, उत्पादन, एवं फ़सल सुरक्षा पर हो रहे नये तकनीकों को भी बताया। प्रक्षिक्षण कार्यक्रम में मिर्ज़ापुर जनपद के उद्यान विभाग के रमेश मिश्रा ने उच्च तकनीकों के प्रयोग, फसल उत्पादन लागत में कमी लाने और गुणवक्ता युक्त उत्पादों को बाजार में बेचकर लाभ कमाने का गुर बताया। उन्होंने राज्य सरकार के द्वारा चलाये जा रहे बागवानी एवं सब्जी के खेती पर मिलने वाली सरकारी सहायता वाली योजनाओं की जानकारी दी। ये भी बताया के आज जनपद में लगभग 150 किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर के मुनाफा कमा रहे हैं।

संस्थान द्वारा संचालित परियोजना के अन्वेषक डॉ राकेश कुमार दुबे, प्रधान वैज्ञानिक ने उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना के अंतर्गत किये जा रहे शोध एवं उपलब्धियों को बताया। उन्होंने किसानों से कम से कम कीटनाशी केमिकल दवाओं के प्रयोग पर बल दिया और कहा की गंगा के जल को साफ सुथरा रखना हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि संस्थान के निदेशक डॉ तुषार कांति बेहरा के देख रेख में आईआईवीआर कद्दू वर्गीय फसलों पर शोध कार्य कर रहा है। शोध में उन्नतशील कद्दू वर्गीय प्रजातियों के प्रयोग एवं ज्यादा से ज्यादा जैविक खादों के प्रयोग एवं गुण उत्पाद पर विशेष बल दिया जा रहा है। ताकि गंगा के जल की शुद्धता बनाए रखने में मदद मिल सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. एन. सी. गौतम (पूर्व कुलपति महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट) ने की।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेषज्ञों डॉ नागेन्द्र राय, विभागाध्यक्ष, फ़सल उन्नयन, डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव, विभागाध्यक्ष, फ़सल सुरक्षा, डॉ नीरज सिंह, डॉ. सुदर्शन मौर्या, डॉ. आत्मानन्द त्रिपाठी, डॉ. के. नागेन्द्रन, डॉ. विद्या सागर, डॉ. मंजूनाथ गौड़ा आदि ने किसानों के प्रश्नों का उत्तर दिए।