सूबेदार मेजर ओमपाल हुए शहीद, राजकीय सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
Apr 13, 2025, 20:11 IST

रोहतक, 13 अप्रैल लखनऊ में डयूटी के दौरान सूबेदार मेजर ओमपाल शहीद हो गए। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। वे लखनऊ स्थित अस्पताल में भर्ती थे। रविवार को शहीद सूबेदार ओमपाल का पार्थिव शरीर रोहतक स्थित हनुमान कालोनी में उनके आवास पर पहुंचा। इस दौरान सेना के अधिकारी भी मौजूद रहे।
गोहाना रोड स्थित शमशान घाट में शहीर सूबेदार मेजर ओमपाल का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि शहीद सूबेदार मेजर ओमपाल कुछ समय बाद सेवानिवृत भी होने वाले थे। शहर के विभिन्न धार्मिक व राजनीतिक लोगों ने भी शहीद मेजर ओमपाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति अपने संवेदनाएं व्यक्त की। सेना के अधिकारी राजकुमार ने बताया कि ओमपाल एक ईमानदार अधिकारी थे, जिन्होंने बहुत कम समय में तरक्की पाई थी और वह कुछ ही समय बाद सेवानिवृत होने वाले थे। शहीद सूबेदार मेजर ओमपाल ने चार मई 1996 को सेना ज्वाईन की थी और करीब तीन साल से लखनऊ में ही डयूटी पर तैनात थे। उनका पैतृक गांव खिडवाली है, लेकिन उनका परिवार रोहतक में ही हनुमान कालोनी में रहता है। शहीद सूबेदार मेजर ओमपाल के दो बच्चे है, जिनमें एक लडक़ा व लडक़ी है और दोनों की शादी हो चुकी है।
गोहाना रोड स्थित शमशान घाट में शहीर सूबेदार मेजर ओमपाल का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। बताया जा रहा है कि शहीद सूबेदार मेजर ओमपाल कुछ समय बाद सेवानिवृत भी होने वाले थे। शहर के विभिन्न धार्मिक व राजनीतिक लोगों ने भी शहीद मेजर ओमपाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शोकाकुल परिवार के प्रति अपने संवेदनाएं व्यक्त की। सेना के अधिकारी राजकुमार ने बताया कि ओमपाल एक ईमानदार अधिकारी थे, जिन्होंने बहुत कम समय में तरक्की पाई थी और वह कुछ ही समय बाद सेवानिवृत होने वाले थे। शहीद सूबेदार मेजर ओमपाल ने चार मई 1996 को सेना ज्वाईन की थी और करीब तीन साल से लखनऊ में ही डयूटी पर तैनात थे। उनका पैतृक गांव खिडवाली है, लेकिन उनका परिवार रोहतक में ही हनुमान कालोनी में रहता है। शहीद सूबेदार मेजर ओमपाल के दो बच्चे है, जिनमें एक लडक़ा व लडक़ी है और दोनों की शादी हो चुकी है।