राजकोट का हीरासर हवाई अड्डा रविवार से हुआ कार्यरत
वाटर कैनन से प्रथम फ्लाइट का स्वागत
Sep 10, 2023, 13:36 IST
राजकोट, 10 सितंबर। राजकोट का हीरासर हवाईअड्डा रविवार से कार्यरत हो गया है। नए हवाईअड्डे पर रविवार को पहली उड़ान इंदौर से आई। इस फ्लाइट का हवाईअड्डा प्राधिकरण ने वाटर कैनन से स्वागत किया। हाल में घरेलू उड़ान हीं नए हवाईअड्डे से चालू रहेंगी।
सूत्रों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के शुरू होने में अभी कुछ समय लग सकता है। अभी हवाईअड्डे पर रोजाना 11 उड़ान की आवाजाही होगी, जिसमें मुंबई, बैंगलुरू, गोवा, इंदौर, उदयपुर, दिल्ली आदि शहरों का समावेश है। इस साल 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हीरासर हवाईअड्डा का लोकार्पण किया था।
हीरासर हवाईअड्डा राजकोट शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है। इस हवाईअड्डे का विस्तार करीब 1032 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें पैसेंजर टर्मिनल का क्षेत्र 23 हजार वर्ग मीटर है। वहीं 14 पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं। हीरासर हवाईअड्डे से सौराष्ट्र के कुल 12 जिलों को फायदा होगा। सौराष्ट्र को मैन्युफैक्चरिंग का हब भी कहा जाता है, इसलिए एयर कनेक्टिविटी से पूरे क्षेत्र को जबर्दस्त फायदा होगा। इसके साथ ही सिल्क और सेरामिक प्रोडक्ट्स के साथ अन्य मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बूस्ट आने की उम्मीद है।
इस एयरपोर्ट के रनवे की कुल लंबाई 3.4 किलोमीटर है। यह गुजरात का सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट है। बोइंग 737 जैसे जंबो विमानों की यहां पर लैंडिंग हो सकेगी और वे उड़ान भर पाएंगे। इस एयरपोर्ट पर जल निकासी के अच्छे उपाय किए गए हैं। रनवे के नीचे टनल बना दी गई है, ताकि जलभराव न हो। यह टनल 700 मीटर की है। जो कि एशिया में सबसे लंबी एयरपोर्ट टनल है। इस एयरपोर्ट पर 14 बड़े विमान भी खड़े किए जा सकेंगे।
सूत्रों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के शुरू होने में अभी कुछ समय लग सकता है। अभी हवाईअड्डे पर रोजाना 11 उड़ान की आवाजाही होगी, जिसमें मुंबई, बैंगलुरू, गोवा, इंदौर, उदयपुर, दिल्ली आदि शहरों का समावेश है। इस साल 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हीरासर हवाईअड्डा का लोकार्पण किया था।
हीरासर हवाईअड्डा राजकोट शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है। इस हवाईअड्डे का विस्तार करीब 1032 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें पैसेंजर टर्मिनल का क्षेत्र 23 हजार वर्ग मीटर है। वहीं 14 पार्किंग स्टैंड बनाए गए हैं। हीरासर हवाईअड्डे से सौराष्ट्र के कुल 12 जिलों को फायदा होगा। सौराष्ट्र को मैन्युफैक्चरिंग का हब भी कहा जाता है, इसलिए एयर कनेक्टिविटी से पूरे क्षेत्र को जबर्दस्त फायदा होगा। इसके साथ ही सिल्क और सेरामिक प्रोडक्ट्स के साथ अन्य मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में बूस्ट आने की उम्मीद है।
इस एयरपोर्ट के रनवे की कुल लंबाई 3.4 किलोमीटर है। यह गुजरात का सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट है। बोइंग 737 जैसे जंबो विमानों की यहां पर लैंडिंग हो सकेगी और वे उड़ान भर पाएंगे। इस एयरपोर्ट पर जल निकासी के अच्छे उपाय किए गए हैं। रनवे के नीचे टनल बना दी गई है, ताकि जलभराव न हो। यह टनल 700 मीटर की है। जो कि एशिया में सबसे लंबी एयरपोर्ट टनल है। इस एयरपोर्ट पर 14 बड़े विमान भी खड़े किए जा सकेंगे।