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हाईकोर्ट ने अभिषेक-कुंतल पर लगाया 25-25 लाख का जुर्माना

 
हाईकोर्ट ने अभिषेक-कुंतल पर लगाया 25-25 लाख का जुर्माना
कोलकाता, 18 मई। नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने अभिषेक बनर्जी को भारी भरकम जुर्माना भरने का आदेश दिया है। तृणमूल से निष्कासित नेता कुंतल घोष के पत्र से जुड़े मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में फैसला सुनाया गया है। जस्टिस अमृता सिन्हा ने अभिषेक और कुंतल दोनों को 25-25 लाख रुपये जुर्माना भरने का निर्देश दिया।

कुंतल ने आरोप लगाया था कि उन पर भर्ती मामले में अभिषेक का नाम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने हेस्टिंग्स थाने को एक पत्र भी लिखा था जिसमें कहा गया था कि इस संबंध में उनके साथ हिरासत में मारपीट की गई है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया। इसके बाद दोबारा हाईकोर्ट में वापस भेजा गया। मामला न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय से न्यायमूर्ति सिन्हा की पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया। इसी मामले में फैसला गुरुवार को आया है। न्यायमूर्ति सिन्हा ने मामले में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के आदेश को बरकरार रखा और अभिषेक और कुंतल दोनों को 25-25 लाख रुपये का जुर्माना भरने का भी आदेश दिया। हालांकि जुर्माना क्यों लगाया गया है यह अभी भी स्पष्ट नहीं है।

अभिषेक ने 29 मार्च को कोलकाता के शहीद मीनार में छात्रों और युवा तृणमूल की एक रैली में कहा था कि जब मदन मित्रा और कुणाल घोष जैसे नेता केंद्रीय एजेंसी की हिरासत में थे, तो उन पर भी अभिषेक का नाम लेने का दबाव डाला गया था। संयोग से अगले दिन कुंतल को कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट में दाखिल होते वक्त कुंतल ने दावा किया कि उनपर भी अभिषेक का नाम भर्ती मामले में लेने का दबाव बनाया जा रहा है। कुंतल ने आरोप लगाया कि सीबीआई और ईडी इसके लिए उन पर दबाव बना रही है।

बाद में जब कुंतल के दावे और पत्र से जुड़ा मामला जस्टिस गंगोपाध्याय की बेंच में आया तो उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर दोनों के एक जैसे दावे संयोग नहीं हो सकते। इस मामले में जांच का आदेश देते हुए जज ने कहा, अभिषेक से केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी और सीबीआई भी पूछताछ कर सकती है। गुरुवार को हाई कोर्ट की जस्टिस सिन्हा ने जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश को बरकरार रखते हुए तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक को पूछताछ में सहयोग करने का आदेश देने के साथ ही जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया।