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अच्छाई की सीख देते हैं ईश्वर: शंकराचार्य

 
अच्छाई की सीख देते हैं ईश्वर: शंकराचार्य
बेगूसराय, 15 मार्च। बेगूसराय के मेहदा शाहपुर में आयोजित श्रीराम चरित मानस प्रचार संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन में जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद जी का प्रवचन को सुनकर श्रोता मुग्ध हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वर, गुरु साक्षात परम बह्म तस्मैय श्री गुरुवे नमः का मतलब है कि बह्म हमारे गुरु हैं। बह्म यानि प्रभु को याद करें, उनकी कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी। ईश्वर हमें अच्छाई की सीख देते हैं, इसलिए भला करेगें, तो भला ही होगा।

उन्होंने प्रभु श्रीराम के चरित्र एवं हनुमान के भक्ति का वर्णन करते हुए कहा कि निष्ठावानों के लिए आज के परिदृश्य में जीवन सरल होता है। क्योंकि निष्ठा के द्वारा किए गए कार्यों में सफलता जरुर मिलती है। इसलिए किसी कार्य करने से पहले प्रभु का स्मरण कर पूर्ण ईमानदारी से काम करना चाहिए।

हनुमान इसलिए पूजे जाते हैं, क्योंकि उनकी भक्ति में पूर्ण निष्ठा थी। कहने का सार यह है कि जगत में ईश्वर के प्रति सच्ची श्रद्धा ही जीवन के इस भव सागर में तमाम उतार-चढाव में आपकी श्रद्धा का आंकलन कर वैतरणी को पार करा सकते हैं। इसलिए सच्चे मन से इस अमृत्व पाने के लिए व्यसनों का त्याग कर परमात्मा में लीन हो जिंदगी को संवारें, फिर सफलता आपकी ही होगी।