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मांगों को लेकर ईपीएस-95 पेंशनर्स ने रोडवेज पर दिया धरना

 
मांगों को लेकर ईपीएस-95 पेंशनर्स ने रोडवेज पर दिया धरना
वाराणसी,15 मार्च। विभिन्न मांगों को लेकर ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के बैनर तले लामबंद वाराणसी मंडल, प्रयागराज मंडल, आजमगढ़ मंडल के पदाधिकारियों और सेवानिवृत कर्मियों ने रास्ता रोको अभियान के तहत बुधवार को रोडवेज पर जमकर धरना प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन में शामिल पेंशनर्स ने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर उतारू है। सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में हम खुलकर विरोध करेंगे। प्रदर्शन में शामिल पदाधिकारियों ने पति-पत्नी को जीवन यापन के लिए मासिक पेंशन 7500 डीए जो कि पेंशन फंड से देने, मेडिकल सुविधा को आयुष्मान भारत योजना से जोड़ने, उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार बिना भेदभाव के सभी ईपीएस-95 पेंशनर्स को वास्तविक वेतन का लाभ मिलने, नान ईपीएस-95 सेवानिवृत कर्मियों का योजना में समावेश कर पांच हजार रुपये मासिक पेंशन आदि की मांग दोहराई।

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सीपी सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री अवनी राय, वाराणसी मंडल अध्यक्ष अवधेश पांडेय और मंत्री कमलाकर त्रिपाठी ने बताया कि चार सूत्रीय मांगों को लेकर देश के वृद्ध 70 लाख पेंशनर्स सड़क पर उतरने के लिए बाध्य हैं। देशभर के प्रमुख स्थानों पर वृद्ध पेंशनर्स रास्ता रोको अभियान में भाग ले रहे हैं। संगठन पिछले सात सालों से तहसील स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कई आंदोलन पेंशनर्स के हक में कर चुका है। कर्मचारी नेताओं के अनुसार भारत सरकार लोक कल्याण के लिए अनेकों पेंशन योजनाएं चला रही हैं। लेकिन ईपीएस कर्मियों के पूरी सेवा अवधि के दौरान, सरकारी नियमानुसार 417 रुपये, 541 रुपये व 1250 रुपये प्रति माह पेंशन फंड में जमा करवाए। इन वृद्ध पेंशनर्स को औसत पेंशन 1170 रुपये दी जाती हैं। यह राशि इतनी कम है कि इससे पति-पत्नी का जीवन यापन तो दूर वृद्धावस्था जनित रोगों के इलाज का खर्च भी पूरा नहीं हो पाता।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि ईपीएस-95 योजना के फॉर्मूला अनुसार जो यह अल्प पेंशन राशि तय की जाति हैं, वहींं पेंशन राशि आजीवन रहती है। इतनी कम पेंशन राशि में वृद्ध पेंशनर्स कैसे इस महंगाई के दौर में गुजारा करें।