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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीपीएससी अभ्यर्थियों में असमंजस

 
 सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बीपीएससी अभ्यर्थियों में असमंजस

पटना, 14 अगस्त। बीएड के योग्यताधारी शिक्षकों को प्राथमिक कक्षाओं में शामिल नहीं किये जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिहार शिक्षक अभ्यर्थी असमंजस में है। उनकी असमंजसता इस बात काे लेकर है कि यह समझ नहीं पा रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें बीपीएससी द्वारा आयोजित होने वाली शिक्षक बहाली परीक्षा में शामिल किया जाएगा या नहीं और अगर शामिल किया जाता है तो क्या उन्हें सरकारी शिक्षक बनने का मौका दिया जाएगा।

हालांकि अभ्यर्थियों की असमंजसता को देखते हुए खुद बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने ट्वीट कर बताया कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा निर्धारित समय पर ही आयोजित होगी लेकिन इसके बाद भी शिक्षक अभ्यर्थियों के बीच बेचैनी बनी हुई है।

संघ ने की अभ्यर्थियों की असमंजसता समाप्त करने की मांग

सातवें चरण शिक्षक बहाली के लिए संघर्षरत रहे बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बिहार सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर शिक्षक अभ्यर्थियों की दुविधा समाप्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में 79943 पदों पर नियुक्ति के लिए बीपीएससी की ओर से 24 अगस्त से परीक्षा होनी है। जिसमें 5 लाख से अधिक बीएड योग्यताधारी शिक्षक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इनकी उम्मीदवारी पर संकट है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान के एक मामले में प्राथमिक कक्षाओं में बीएड के योग्यताधारी शिक्षकों को नहीं शामिल करने का फैसला सुनाया था जिसका असर पूरे देश में पड़ा है। बिहार में इसी माह 1.70 लाख शिक्षकों की भर्ती के लिए बीपीएससी की ओर से परीक्षा लिया जाना है। जिनके एडमिट कार्ड भी जारी कर दिये गये हैं। जिनमें बड़ी संख्या में बीएड पास अभ्यर्थियों की है।