कचहरी परिसर के स्थानांतरण का चर्चा शुरू होते ही अधिवक्ताओं में उबाल
जिलाधिकारी पोर्टिको में अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन, सोशल मीडिया में भी विरोध
Mon, 8 May 2023

वाराणसी, 08 मई। वाराणसी कचहरी परिसर के स्थानांतरण की चर्चा शुरू होते ही फिर अधिवक्ताओं में नाराजगी बढ़ने लगी है। सोमवार को अधिवक्ताओं के एक गुट ने जिलाधिकारी पोर्टिको में कचहरी परिसर के स्थानांतरण के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
प्रदर्शन में शामिल बनारस बार के पूर्व महामंत्री अधिवक्ता नित्यानंद राय ने कहा कि कचहरी स्थानांतरण का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सड़क पर उतर कर बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के काशी क्षेत्र संयोजक अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कचहरी स्थानांतरित न किए जाने का निवेदन किया गया है। अदालतें समाज का एक हिस्सा मानी जाती हैं। यह आम जनता के रोजमर्रा जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान है। लगभग हर तीसरे या चौथे घर से एक व्यक्ति विवाद के निपटारे के लिए कचहरी आता है। यही हाल अधिवक्ताओं का है। जिले के कोने-कोने से अधिवक्तागण वकालत करने कचहरी आते हैं।शाम होते घर चले जाते हैं। ऐसे में कचहरी का स्थान सुविधानुसार होना चाहिए। चाहे वादकारियों की बात हो या फिर अधिवक्ताओं की और दोनों के सुविधा की दृष्टि से कचहरी का स्थानांतरण अव्यावहारिक है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा कचहरी परिसर के अगल-बगल ही विस्तार की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उधर, अधिवक्ताओं के एक गुट ने सोशल मीडिया में भी कचहरी स्थानांतरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कचहरी स्थानांतरण का मुद्दा गरमाया था। पिंडरा के पास कचहरी के स्थानांतरण का जबरदस्त विरोध अधिवक्ताओं ने किया था। उस समय शहर में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिवक्ताओं से वार्ता के बाद आश्वस्त किया था कि कचहरी परिसर स्थानांतरित नहीं होगा। बल्कि आसपास की जमीन पर विस्तार किया जाएगा। इस बीच एक बार फिर संदहा कचहरी परिसर स्थानांतरित किए जाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।
प्रदर्शन में शामिल बनारस बार के पूर्व महामंत्री अधिवक्ता नित्यानंद राय ने कहा कि कचहरी स्थानांतरण का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सड़क पर उतर कर बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। भाजपा विधि प्रकोष्ठ के काशी क्षेत्र संयोजक अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर कचहरी स्थानांतरित न किए जाने का निवेदन किया गया है। अदालतें समाज का एक हिस्सा मानी जाती हैं। यह आम जनता के रोजमर्रा जीवन से जुड़ा एक महत्वपूर्ण स्थान है। लगभग हर तीसरे या चौथे घर से एक व्यक्ति विवाद के निपटारे के लिए कचहरी आता है। यही हाल अधिवक्ताओं का है। जिले के कोने-कोने से अधिवक्तागण वकालत करने कचहरी आते हैं।शाम होते घर चले जाते हैं। ऐसे में कचहरी का स्थान सुविधानुसार होना चाहिए। चाहे वादकारियों की बात हो या फिर अधिवक्ताओं की और दोनों के सुविधा की दृष्टि से कचहरी का स्थानांतरण अव्यावहारिक है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा कचहरी परिसर के अगल-बगल ही विस्तार की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उधर, अधिवक्ताओं के एक गुट ने सोशल मीडिया में भी कचहरी स्थानांतरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कचहरी स्थानांतरण का मुद्दा गरमाया था। पिंडरा के पास कचहरी के स्थानांतरण का जबरदस्त विरोध अधिवक्ताओं ने किया था। उस समय शहर में आए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिवक्ताओं से वार्ता के बाद आश्वस्त किया था कि कचहरी परिसर स्थानांतरित नहीं होगा। बल्कि आसपास की जमीन पर विस्तार किया जाएगा। इस बीच एक बार फिर संदहा कचहरी परिसर स्थानांतरित किए जाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।