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जब अचानक ही लोक कलाकारों के साथ बैठकर रामधुन करने लगे सांसद

 
जब अचानक ही लोक कलाकारों के साथ बैठकर रामधुन करने लगे सांसद
बेगूसराय, 22 जनवरी। राष्ट्रवादी विचारक और राज्यसभा सदस्य प्रो. राकेश सिन्हा ना केवल देश के विभिन्न सुदूरवर्ती इलाकों के समग्र विकास और राष्ट्रवाद को नई ऊंचाई देने के प्रयास में लगे रहते हैं। बल्कि जहां कहीं भी मौका मिलता है लोक कलाकारों के साथ उनके कार्यक्रम में शामिल हो जाते हैं।

कुछ ऐसा ही नजारा दिखा बीते रात बेगूसराय जिला के मनसेरपुर में। बेगूसराय के विभिन्न ने कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे राकेश सिन्हा बीते रात करीब 12 बजे जब अपने गांव मनसेरपुर पहुंचे तो मंदिर पर से रामधुनी की आवाज आ रही थी। यह जानते ही वे खुद भी मंदिर पर पहुंच गए और रामधुनी कर रहे लोक कलाकारों के साथ सुर लय ताल मिलाकर झाल बजाने लगे।

उन्होंने में हरे राम हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा हरे हरे का भजन सुर पकड़ा हुआ था। राकेश सिन्हा भी अपने आप को रोक नहीं पाए और लोक कलाकारों के साथ हाथ में झाल लेकर बैठ गए एवं रामधुनी में कलाकारों के सुर में मिलकर भजन करने लगे। बलिया मंडल भाजयुमो अध्यक्ष श्यामसुंदर कुमार ने बताया कि मनसेरपुर गांव के मंदिर पर रामधुनी का आयोजन हो रहा है।

संयोगवश प्रो. राकेश सिन्हा का कार्यक्रम भी तय हो गया। देर रात करीब 12 बजे वे अचानक रामधुनी स्थल पर पहुंचे, जहां ग्रामीणों से मुलाकात के बाद रामधुनी में लीन हो गए। प्रो. सिन्हा का यह बताता है कि आदमी को अपने लोक संस्कृति, धर्म और समाज से निचले पायदान तक हमेशा जुड़े रहना चाहिए। आज लोग कुर्सी पाते ही अपने गांव-समाज की समाज की मर्यादा और प्रेम भाव भूल जाते हैं।

लेकिन उन्होंने जिस प्रकार से कलाकारों के साथ बैठकर भजन किया, यह एक सुखद संदेश है, आने वाले समय में रामधुनी की प्रथा और बढ़ावा मिल सकेगा। इस मौके पर हरिहरनाथ, बालकृष्ण, गौरव, राहुल, प्रमोद, राजीव रंजन, कृपाल, सुमन सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।