विद्यार्थियों ने समझा योग का महत्व, किया सूर्य नमस्कार
Jan 17, 2023, 16:11 IST
लखनऊ, 17 जनवरी। लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन तथा सांस्कृति के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को योग हॉल में दीक्षांत सप्ताह के अन्तर्गत योग शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। योग फैकल्टी के छात्र एवं छात्राओं द्वारा संगीतमय सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त योग नृत्य तथा आदियोग का बेहतरीन प्रदर्शन हुआ।
विश्वविद्यालय के दीक्षान्त सप्ताह के अन्तर्गत योग के पारम्परिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सूर्य नमस्कार विश्व की एक अनुपम सौगात है। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर में चेतना का जागरण होता है। प्राणों पर सन्तुलन तथा मन पर नियंत्रण की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास विद्यार्थीयों को प्रतिदिन करना चाहिए, जिससे उनकी मानसिक शक्ति का विकास होता है। आदियोगी तन एवं मन दोनों को झंकृत करता है और मन को साधने में मदद करता है। शारीरिक एवं मानसिक शक्ति विद्यार्थी की मानसिक शक्ति विकसित करता है, यह अमूल्य धरोहर है। स्वास्थ्य को सुरक्षित, संरक्षित रखने में योग बहुत ही कारगर है।
आदि योगी के अभ्यास से कर्म इन्द्रियों, और ज्ञानेन्द्रियों के कार्य क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अभ्यास से विचारों की प्रखरता बढ़ती है, प्राण शक्ति को साधने में मदद मिलती है। विद्यार्थियों के उत्तरोक्तर विकास के लिए इनका शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थय, आध्यात्मिक तथा श्वास प्रबन्धन, जीवन प्रबन्धन एवं भावना प्रबन्धन जरूरी होता है। जीवन के इन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को जागृत करने में योग का महत्वपूर्ण योगदान है।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर इंचार्ज नवीन खरे तथा फैकल्टी के शिक्षकों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम के दौरान फैकल्टी के स्नातक, परास्नातक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।
विश्वविद्यालय के दीक्षान्त सप्ताह के अन्तर्गत योग के पारम्परिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। सूर्य नमस्कार विश्व की एक अनुपम सौगात है। सूर्य नमस्कार के अभ्यास से शरीर में चेतना का जागरण होता है। प्राणों पर सन्तुलन तथा मन पर नियंत्रण की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास विद्यार्थीयों को प्रतिदिन करना चाहिए, जिससे उनकी मानसिक शक्ति का विकास होता है। आदियोगी तन एवं मन दोनों को झंकृत करता है और मन को साधने में मदद करता है। शारीरिक एवं मानसिक शक्ति विद्यार्थी की मानसिक शक्ति विकसित करता है, यह अमूल्य धरोहर है। स्वास्थ्य को सुरक्षित, संरक्षित रखने में योग बहुत ही कारगर है।
आदि योगी के अभ्यास से कर्म इन्द्रियों, और ज्ञानेन्द्रियों के कार्य क्षमता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके अभ्यास से विचारों की प्रखरता बढ़ती है, प्राण शक्ति को साधने में मदद मिलती है। विद्यार्थियों के उत्तरोक्तर विकास के लिए इनका शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थय, आध्यात्मिक तथा श्वास प्रबन्धन, जीवन प्रबन्धन एवं भावना प्रबन्धन जरूरी होता है। जीवन के इन महत्वपूर्ण बिन्दुओं को जागृत करने में योग का महत्वपूर्ण योगदान है।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर इंचार्ज नवीन खरे तथा फैकल्टी के शिक्षकों द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। कार्यक्रम के दौरान फैकल्टी के स्नातक, परास्नातक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।