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अब सिक्सलेन नहीं होगी कालेसर से जगदीशपुर तक की सड़क

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने निरस्त किया प्रस्ताव 
 
अब सिक्सलेन नहीं होगी कालेसर से जगदीशपुर तक की सड़क 

गोरखपुर, 21 जनवरी। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने कालेसर से जगदीशपुर तक प्रस्तावित लगभग 32 किमी फोरलेन को सिक्सलेन बनाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया है। यह गोरखपुर बाईपास के रूप में जाना जाता है। एनएचएआई के इस फैसले से बाईपास के किनारे के लगभग 25 गांवों की फोरलेन से सीधे कनेक्टिविटी की उम्मीद चकनाचूर हो गयी है। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए सिक्टौर में फ्लाईओवर, तीन अंडरपास निर्माण की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है।

लगभग 600 करोड़ की ये सभी योजनाएं एक ही प्रस्ताव में शामिल थीं। एनएचएआई ने लखनऊ से गोरखपुर के कालेसर तक बने फोरलेन को सिक्सलेन में तब्दील करने के प्रस्ताव को बढ़ा दिया था। यह कालेसर से बढ़ाकर जगदीशपुर तक सिक्सलेन करने का प्रस्ताव बन चुका था। इस प्रस्ताव को मुख्यालय को भी भेजा जा चुका था।

यह था प्रस्ताव

इस प्रस्ताव में 25 गांवों को बाईपास से कनेक्टिविटी के लिए 28 किमी सर्विस लेन, सिक्टौर में फ्लाईओवर, राप्ती पुल के पास बंधे पर अंडरपास, जैतपुर व कुसम्ही-मोतीराम अड्डा के बीच पड़ने वाले अंडरपास के बगल में एक-एक और अंडरपास बनाने की योजना शामिल थी। प्रस्ताव निरस्त होने से ये सभी योजनाएं अधर में लटक गई हैं। सिक्टौर में फ्लाईओवर नहीं बन पाने से लोग वहां जाम से जूझते रहेंगे।

बता दें कि गोरखपुर बाईपास को सिक्सलेन बनाने का प्रस्ताव एनएचएआई की स्वीकृत होने वाली सूची में शामिल था। टेंडर भी जारी हो चुका था, लेकिन अचानक एनएचएआइ मुख्यालय ने इसे निरस्त कर दिया। इसके निरस्त होने का करनों का अभी कोई सटीक जवाब नहीं दे रहा है।

अधिकारी का कहना

गोरखपुर एनएचएआई के परियोजना निदेशक भावेश अग्रवाल के मुताबिक गोरखपुर बाईपास का प्रस्ताव निरस्त हो गया है। सूचना आ गई है, लेकिन मुख्यालय ने निरस्त होने के कारणों को नहीं बताया है। इसके कई कारण हो सकते हैं।