Pal Pal India

कानपुर: सात वर्ष से खाली पड़े हैं केडीए के छह हजार फ्लैट

 
कानपुर: सात वर्ष से खाली पड़े हैं केडीए के छह हजार फ्लैट
कानपुर,17 जनवरी। जनपद में सात वर्ष से कानपुर विकास प्राधिकरण के छह हजार फ्लैट खाली पड़े हुए हैं। इन्हें बेचने के लिए एजेंट नहीं मिल रहे, या यूं कहें कि एजेंटों को कमीशन नहीं भाया जो पहले तय किए थे। अब केडीए ने नए सिरे से पांचवीं बार एजेंट रखने के लिए टेंडर निकाला है।

गौरतलब है कि केडीए की दस बहुमंजिला आवासीय परियोजनाओं में 6120 फ्लैट खाली हैं। इन्हें बेचने के लिए कमीशन एजेंट तक ढूंढे नहीं मिल रहे, या यूं कहें कि एजेंटों को कमीशन ही नहीं भाया जो पहले तय किए गए थे। अब केडीए ने नए सिरे से पांचवीं बार एजेंट रखने के लिए टेंडर निकाला है।

केडीए के अपर सचिव डा. गुड़ाकेश शर्मा ने बताया कि बीते एक वर्ष में बहुत तेजी से फ्लैट बिके हैं। जहां ये फ्लैट बने हैं वहां के लिए अलग से आकर्षक योजनाएं लाई जा रही हैं। इस पर काम हो रहा है। कमीशन एजेंट रखने के लिए नए सिरे से ऑफर रखे गए हैं। अब फर्में खुद बताएंगी कि कितने में काम करेंगी। इस बार केडीए ने देश की तमाम फर्मों को ऑफर दिया है कि वह खुद बताएं कि कितने कमीशन पर एजेंट बनने के लिए तैयार हैं। अभी तक केडीए सिर्फ 0.5 प्रतिशत ही कमीशन देने को तैयार था। एजेंटों का कहना था कि इतने कम पर काम संभव नहीं है। दो-दो प्रतिशत कमीशन तो उन्हें निजी संपत्तियों को बिकवाने में ही मिल जाते हैं।

एक खास वजह और है कि पूर्व केडीए वीसी सौम्या अग्रवाल के कार्यकाल में जो एजेंट फर्म काम कर रही थी, उनके जाने के बाद फर्म का भुगतान ही नहीं किया। अधिकारियों के आगे-पीछे चक्कर लगाने के बाद फर्म नोएडा चली गई।

पुलिस कर्मियों के फ्लैट लेने का प्रस्ताव निरस्त

पुलिसकर्मियों के लिए तीन हजार फ्लैट दिए जाने का प्रस्ताव निरस्त हो चुका है, क्योंकि पुलिसकर्मी बहुत दूर फ्लैट लेने के लिए तैयार नहीं हैं। वर्ष-2005 में विभिन्न योजनाओं में फ्लैट बनाने की शुरुआत की गई थी, लेकिन आज तक इन्हें नहीं बेचा जा सका है।