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मुख्यमंत्री योगी ने सुनी फरियाद, न्याय का दिया भरोसा

 
मुख्यमंत्री योगी ने सुनी फरियाद, न्याय का दिया भरोसा

गोरखपुर, 25 जनवरी। दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को गोरखपुर पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार की सुबह फरियादियों को सुना। गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में लगाए गये जनता दरबार में मौजूद अधिकारियों को हर किसी के साथ न्याय करने का निर्देश दिया। फरियादियों को भी इस बात का भरोसा दिया कि हर कीमत पर सबके साथ न्याय होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पीड़ितों को थाने में ही हर हाल में न्याय मिलना चाहिए। दोषियों को जेल में डालें और उन्हें दण्डित कराएं। जनता दरबार में मुख्यमंत्री ने 300 से अधिक लोगों की समस्याएं सुनीं। इनमें ज्यादातर जमीन विवाद और थानों से जुड़ी समस्याएं रहीं। सुबह पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री, दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित जनता दरबार में पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने वहां मौजूद अधिकारियों को समस्याओं के निराकरण में देरी न करने की हिदायत दी। समय का ध्यान रखते हुए फरियादी की समस्या का निस्तारण कर उन्हें संतुष्ट करने की वकालत की। जनता दरबार में जमीन विवाद और थाने से जुड़े सर्वाधिक मामले आने पर मुख्यमंत्री ने चिंता जताई और कहा कि कहीं न कहीं थाने और तहसील स्तर पर इसे लेकर लापरवाही है।समस्याओं के समाधान की उम्मीद लेकर मंदिर पहुंचे लोगों के पास मुख्यमंत्री खुद बारी-बारी पहुंचे। सभी की शिकायतें सुनीं और निस्तारण का आश्वासन दिया। जनता दरबार में कई लोग अपनों के गंभीर इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार हर जरूरतमंद और गरीब के साथ खड़ी है। उन्होंने ऐसे सभी फरियादियों के प्रार्थना पत्र पर संबंधित जिले के प्रशासन को जल्दी रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि समय से इस्टीमेट बनाकर शासन को उपलब्ध कराएं। इससे किसी के इलाज में देरी नहीं होने पायेगी। कई महिलाएं जमीन की शिकायत लेकर पहुंची थीं। इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन कब्जा करने वालों को कड़ा सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने पुलिस को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार की दोपहर दो दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे। मंदिर में गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन-पूजन के बाद अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर माथा टेका और फिर मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गोशाला पहुंचे। गायों को गुड़ खिलाने के बाद देर शाम तक मंदिर प्रशासन के पदाधिकारियों के साथ संवाद कर खिचड़ी मेला और व्यवस्था आदि की जानकारी ली।