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राशन दुकानों से 68 हजार टन चावल गायब, सदन की कमेटी से जांच की मांग

 
 राशन दुकानों से 68 हजार टन चावल गायब, सदन की कमेटी से जांच की मांग
रायपुर, 17 मार्च। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राशन दुकानों द्वारा अनाज-शक्कर आबंटन का मामला उठाते हुए 68 हजार 230 मीट्रिक टन चावल के गायब होने का आरोप लगाया। उन्होंने पांच-छह सौ करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा की समिति से जांच कराने की मांग की। मंत्री अमरजीत भगत के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायक सदन में नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दोबारा कार्यवाली शुरू होते ही विपक्ष ने पुन: नारेबाजी करने लगे, जिससे सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राशन दुकानों द्वारा अनाज शक्कर आबंटन का मामला उठाते हुए कहा कि खाद्य विभाग का डाटा बेस और जिले के डाटा बेस में काफी अंतर है। 68 हजार मिट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है। 68 हजार 230 मीट्रिक टन चावल गायब है। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जितने बोगस राशनकार्ड बनते थे, आपके समय होता था। आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहे हैं। हमने 13 हजार 392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन किया। वेरिफिकेशन के बाद चार हजार 952 दुकानों में करीब 41 हजार मीट्रिक टन की गड़बड़ियां पाई गई है। अब तक 13 प्रकरणों में एफआईआर की गई। 161 दुकान निलंबित किए गए। 140 दुकान निरस्त किए गए।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पांच-छह सौ करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। इसमें खाद्य विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। सदन की समिति से जांच कराकर दोषियों पर कार्यवाही होनी चाहिए। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 96 प्रतिशत बायोमेट्रिक के आधार पर प्रमाणिकता के साथ राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। बचे हुए राशन का रिकार्ड दुरुस्त किया जा रहा है।

मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सदन की कमेटी से जांच की जाए। हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित की गई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने जांच की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।