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राजस्थान में विलायती बबूल की समस्या से मिलेगी निजातः कटारिया

 
राजस्थान में विलायती बबूल की समस्या से मिलेगी निजातः कटारिया
जयपुर, 15 मार्च। कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि राजस्थान मिलेट्स के उत्पादन में देश में अग्रणी है। आने वाले समय में मोटे अनाज की मांग बढ़ने से प्रदेश के किसानों की आमदनी बढेगी। उन्होंने कहा कि विभाग विलायती बबूल की समस्या से निजात दिलाने के लिए पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलाकर प्रभावित जमीन पर फलदार पौधे लगाएगा।

कटारिया मंगलवार देर शाम को विधानसभा में कृषि विभाग तथा पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने कृषि विभाग की 37 अरब 48 करोड़ 99 लाख 36 हजार रुपये तथा पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की 14 अरब 55 करोड़ 48 लाख 27 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

कटारिया ने बताया कि राज्य सरकार ने कृषकों एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए वृहद् स्तर पर योजनाएं संचालित की हैं। उन्होंने बताया कि आवारा पशुओं से फसल को बचाने के लिए तारबंदी योजना को प्रभावी रुप से लागू किया गया है। योजना के अंतर्गत 15 हजार किसानों को अनुदान देकर 45 लाख मीटर की तारबंदी किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा पम्प सेट स्थापना में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर है। अब तक प्रदेश में 97 हजार सोलर पम्प सेट स्थापित किए जा चुके हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि किसान की तरक्की और खुशहाली के साथ ही पशुपालकों को मजबूती देने के लिए बजट 2023-24 में 12 मिशन रखे गए हैं। इन मिशन्स के तहत कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। कटारिया ने बताया कि पशुपालकों के हित में पशुधन बीमा योजना को राज्य सरकार ने पुन: प्रारम्भ किया है। इसी प्रकार लम्पी रोग में दुधारु गोवंश की मृत्यु पर प्रति गाय 40 हजार रुपये मुआवजा राशि की घोषणा की गई है। पशुपालन मंत्री ने बताया कि उष्ट्र संरक्षण योजना में राज्य के ऊंट पालकों को आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है, जिसके तहत टोडियों के जन्म पर दो किस्तों में कुल 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है।

कृषि विपणन राज्य मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने एवं उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए लगातार प्रयत्नशील है और इस दिशा में राज्य सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। मीणा कृषि विपणन विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों में राज्य सरकार ने स्वतंत्र कृषि उपज मंडियों की संख्या को 144 से बढ़ाकर 165 कर दिया है। कृषि विपणन राज्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के अन्तर्गत 1011 इकाइयों की स्थापना की गई, जिसमें 335 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया। वर्ष 2023-24 बजट में इस नीति के अन्तर्गत कृषि उत्पाद प्रसंस्करण के लिए कृषकों के लिए अनुदान राशि 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत एवं गैर कृषकों को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत (अधिकतम 1.50 करोड़ रुपये) तक करने की घोषणा की गई है।