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टाइगर एसटी-19 के शावक अब कहलाएंगे एसटी-31 और एसटी-32

 
टाइगर एसटी-19 के शावक अब कहलाएंगे एसटी-31 और एसटी-32
अलवर, 30 अगस्त। सरिस्का के बफर जोन में घूम रहे दो शावक अब टाइगर बन गए हैं। टाइगर एसटी -19 के दोनों शावकों को सरिस्का प्रशासन ने एसटी-31 और एसटी-32 नाम दे दिया है। एक नर है और दूसरा मादा। अलवर सरिस्का के बाला किला बफर जोन में टाइगर एसटी-18 व टाइगर एसटी-19 पहले से थे। जिनके दो शावक हुए। अब वे टाइगर बन गए हैं।

सरिस्का सीसीएफ एवं क्षेत्र निदेशक आरएन मीना ने आदेश जारी कर मादा एवं नर शावकों की आईडी जारी कर दी है। दोनों बाघ-बाघिन करीब दो साल की उम्र के हैं। वैसे तो ये काफी समय तक साथ-साथ देखे गए हैं। लेकिन, अब अकेले अपनी टैरेटरी बना चुके हैं। अलग से शिकार करते हैं। उनके शिकार करते हुए की साइटिंग भी हुई है। बाघिन एसटी-19 ने बारा लिवारी के जंगल में इन दोनों शावकों को जन्म दिया था। जो पहली बार पांच जनवरी 2022 को कैमरा ट्रैप में देखे गए थे। इनका विचरण क्षेत्र बारा लिवारी से बालाकिला व अंधेरी जंगल तक खूब रहा है। अब ये आगे तक जाने लगे हैं। कई बार शहर की सीमा में भी आए हैं।

टाइगर के इन दोनों शावकों की अलवर शहर से लगते भूरा सिद्ध मंदिर की तरफ कई बार साइटिंग हुई है। एक-दो टाइगर एसटी 18 व एसटी 19 को भी यहां देखा गया है। रोड पार करते समय कई बार साइटिंग हुई है। एक-दो बार शिकार खाते हुए भी टाइगर नजर आए हैं। अब ये टाइगर बड़े हो गए हैं। इस कारण अलग घूमने लगे हैं। वैसे बाला किला के बफर जोन के आसपास टाइगर दिखने से यहां भी टूरिस्ट की संख्या बढ़ी है। एसटी1, एसटी2, एसटी3, एसटी4, एसटी5, एसटी6, एसटी9, एसटी10, एसटी16 व एसटी29, एसटी30 होगी। ये सभी टाइगर व टाइग्रेस रणथम्भौर से सरिस्का लाए गए हैं। इनमें कुछ की मौत हो चुकी है। अब सरिस्का में टाइगर की संख्या बढ़ने लगी है। कुछ दिन पहले दो नए शावक नजर आए थे। तक टाइगर की संख्या 27 हो गई थी। अब नई टाइग्रेस आने से सरिस्का में 28 टाइगर हो गए हैं।

सरिस्का में अब भालुओं का नामकरण भी कर दिया है। अब तक तीन भालू आए हैं। अब उनको एसबी - 1, एसबी - 2, एसबी - 3 के नाम से जाना जाएगा। जिनमें दो नर व एक मादा भालू हैं। माउंटआबू से एक मादा व एक नर और सुंडा माता कंजर्वेशन से एक नर भालू सरिस्का लाया गया था।