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आरटीई की लॉटरी निकली, दो लाख जरुरतमंद बच्चों को मिलेगा प्रवेश

 
आरटीई की लॉटरी निकली, दो लाख जरुरतमंद बच्चों को मिलेगा प्रवेश
जयपुर, 19 मई। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत शुक्रवार को शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने समस्त गैर सरकारी विद्यालयों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन लॉटरी निकाली। आरटीई के तहत प्रदेश के 37 हजार 345 प्राइवेट स्कूल में लगभग 2 लाख सीटों पर जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त प्रवेश दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि राजस्थान में अब तक 9 लाख से ज्यादा छात्र शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निशुल्क शिक्षा का लाभ ले चुके हैं। भविष्य में भी हम इसे जारी रखेंगे। ताकि जरूरतमंद बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा मिल सके।

शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी स्कूल का प्रबंधन ठीक करने की नसीहत भी दी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे पास बेहतर टीचर होते हुए भी हम सिर्फ कमजोर मैनेजमेंट की वजह से प्राइवेट स्कूलों को टक्कर नहीं दे पाते हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों में बेहतर तरीके से मैनेजमेंट किया जाता है। उन्होंने कहा कि हम सुपरविज़न नहीं कर पाते हैं। जबकि हमारे पास वेल ट्रेंड स्टाफ है। जिन्हें फुल पेमेंट और सारी सुविधाएं दी जाती है। लेकिन प्रबंधकीय कमियों की वजह से हम उनका पूरा काम नहीं ले पाते हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों में हमारे से कम ट्रेंड टीचर्स है। वहीं कई कई जगह तो टीचर्स को पूरा पेमेंट भी नहीं मिलता। लेकिन वहां टीचर्स से कसकर काम लिया जाता है इसकी वजह से लोगों में प्राइवेट स्कूल का क्रेज है। ऐसे में हमें भी अपने मैनेजमेंट में सुधार करना होगा।

उल्लेखनीय है कि इस बार प्रदेशभर के 5 लाख 38 हजार 579 स्टूडेंट्स ने अलग-अलग स्कूलों में एडमिशन के लिए 18 लाख से ज्यादा बार आवेदन किया था। इनमें इनमें 664 अनाथ, 363 कैंसर और एचआईवी प्रभावित, 478 निशक्तजन 40,183 बीपीएल और युद्ध विधवा के 1067 बच्चे भी शामिल हैं। राइट टू एजुकेशन कानून के तहत प्राइवेट स्कूल्स में एडमिशन के तहत 29 मार्च से 10 अप्रैल तक ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।

आरटीई कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों को अपने यहां एंट्री लेवल की कक्षा में कुल संख्या में से 25 फीसदी सीटों पर फ्री प्रवेश देना होगा। बाकी 75 प्रतिशत सीटों पर वे फीस लेकर प्रवेश दे सकते हैं। 25 फीसदी सीटों पर फ्री प्रवेश का भुगतान राज्य सरकार देती है। बच्चा जिस वार्ड या गांव का है उसे अपने क्षेत्र के निजी स्कूल में पहले प्राथमिकता दी जाती है। सीट खाली होने पर दूसरे वार्ड के बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा। लॉटरी के बाद अभिभावकों को 5 निजी स्कूलों में से किसी एक स्कूल में ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होती है, लेकिन अभिभावक ऐसा करना भूल जाते हैं। इससे बचने के लिए विभाग ने इस बार ऑटो रिपोर्टिंग का सिस्टम लागू किया है।