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राजस्थान में मनरेगा में 62 लाख से अधिक परिवारों को मिला रोजगार

 
 राजस्थान में मनरेगा में 62 लाख से अधिक परिवारों को मिला रोजगार
जयपुर, 17 मार्च। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 लाख 16 हजार परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया और 33 करोड़ 43 लाख मानव दिवस सृजित किये गये। इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 35 करोड़ मानव दिवस सृजित करना लक्षित है।

उन्होंने बताया कि मानव दिवस सृजन करने में पिछले वर्ष राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा है और इस वर्ष भी अभी तक प्रथम स्थान पर ही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत 8 हजार 949 करोड़ 18 लाख रुपये व्यय हुये। उन्होंने बताया कि वित्तिय वर्ष 2022-23 में 98.03 प्रतिशत श्रमिक भुगतान निर्धारित 15 दिवस की समय सीमा में किया गया है।

मीणा गुरुवार देर शाम विधानसभा में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने ग्रामीण विकास विभाग की 51 अरब 26 करोड़ 48 लाख 62 हजार रुपये एवं पंचायती राज विभाग की 90 अरब 78 करोड़ 47 लाख 86 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 168 करोड़ 70 लाख मानव दिवस सृजित किये जा चुके है। अब तक 37 हजार 863 करोड़ रुपये का व्यय अब तक हो चुका है। 16 लाख 15 हजार कार्य पूर्ण करवाये जा चुके है। मीणा ने बताया कि श्रमिकों की फर्जी हाजरी रोकने के लिए राज्य की समस्त ग्राम पंचायतों में श्रमिक नियोजन वाले कार्यों में एनएमएमएस एप के माध्यम से निगरानी की जारी रही है। जिसके क्रियान्वयन में राज्य देश में प्रथम स्थान पर है।

मीणा ने बताया कि राजीविका योजना में 22 हजार 188 गांवों में 1 लाख 93 हजार स्वयं सहायता समूहों, 15 हजार 87 ग्राम संगठनों, 448 संकुल स्तरीय संगठनों का गठन कर 23 लाख 43 हजार परिवारों को लाभान्वित किया गया है। इनमे से 1 लाख 43 हजार स्वयं सहायता समूहों को 543 करोड़ रुपये की राशि आजीविका संवर्धन एवं रिवॉलविंग फण्ड के रूप में उपलब्ध करवाई गई है। वर्तमान में राजीविका समूहों की बचत लगभग 800 करोड़ रुपये है। राजीविका परियोजना में इन समूहों को 1233 करोड़ रुपये प्रदान किये गये है तथा बैंको से 3166 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध करवाया गया है। ऋण प्राप्त करने वाली महिलाओं का एनपीए 2 प्रतिशत से भी कम है।

मीणा ने बताया कि राज्य सरकार की समस्त फ्लैगशिप योजनाओं का लाभ गांव के अन्तिम छोर पर बैठे पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने हेतु एक गांव, एक अधिकारी अभियान शुरू किया जायेगा। इस अभियान में विभाग का अधिकारी/कर्मचारी एक गांव को गोद लेगा तथा उस गांव के पात्र परिवार को फ्लैगशिप योजनाओं से लाभान्वित करवाने की जिम्मेदारी संबंधित अधिकारी/कर्मचारी की होगी। साथ ही, अब ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि आवंटन एवं आवासीय पट्टा जारी करने में आ रही समस्याओं के मध्यनजर पट्टा आवंटन प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपादित कराने के लिए एक एसओपी (शिड्यूल ऑफ पॉवर) जारी की जायेगी।

मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में जहां देश की औसत प्रगति 75.47 प्रतिशत है वहीं राज्य की उपलब्धि 89.6 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक स्वीकृत 17 लाख 20 हजार 261 आवासों में से 15 लाख 40 हजार 740 पूर्ण किए जा चुके हैं। दिसम्बर 2018 से अब तक 10 लाख 36 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं तथा 10 लाख 75 हजार आवास पूर्ण करवाए जाकर 12 हजार 375 करोड़ की राशि व्यय की गई है।