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राज्य स्तरीय लक्खी मेले में कैलादेवी के दर्शन को उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़

 
राज्य स्तरीय लक्खी मेले में कैलादेवी के दर्शन को उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
करौली, 19 मार्च। राजस्थान के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शुमार कैला देवी का लक्खी मेला-2023 रविवार से विधिवत शुरु हो गया है। पूर्वी राजस्थान के करौली जिले में स्थित प्रसिद्ध शक्तिधाम कैलादेवी के लक्खी मेले में श्रद्धालुओं का आगमन शनिवार से ही शुरू हो गया था। मेले में राज राजेश्वरी कैला माता के दर्शनों के लिये प्रतिवर्ष उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली व हरियाणा सहित कई राज्यों से लाखों की तादाद में श्रद्धालु पैदल आते हैं। रविवार को हिण्डौन-करौली मार्ग पर पैदल यात्रियों की संख्या में भारी इजाफा हो गया, जो हाथों में विशाल पताकाएं लिए व कैला मैया के जयकारे लगाते हुए मंदिर की ओर निरंतर बढ़ रहे हैं। इससे पूरे इलाके की सड़कें व गलियां श्रद्धालुओं व कैला मैया के जयकारे से गुंजायमान है।

पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए शहर के सामाजिक संगठनों ने दर्जनों निशुल्क भंडारे, ठहराव स्थल व चिकित्सा शिविर भी जगह जगह लगाये हैं, जिनमें भक्तों को सेवाएं निशुल्क मुहैया कराई जा रही है। हिण्डौन रेलवे स्टेशन पर राजस्थान रोडवेज की ओर से कैला देवी मंदिर आवागमन के लिए रोड़वेज बसों का संचालन शुरू किया गया है। इसके लिए राजस्थान के अधिकांश आगारों से अतिरिक्त बसें मंगवाई गई हैं। कैला मैया के प्रति आस्था और विश्वास से सराबोर श्रद्धालुओं में बुजुर्ग, महिला, पुरुष व बच्चे भी पैदल चलकर आ रहे है। राजस्थान के विभिन्न आगारों की करीब 600 अतिरिक्त बसों को इन रूटों पर संचालित किया जा रहा है। मंदिर परिसर व यात्रियों कि सुरक्षा के लिए 250 सीसीटीवी कैमरा व 1249 पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, कैला देवी ग्राम पंचायत व मन्दिर ट्रस्ट की ओर से भी श्रद्धालुओं के ठहरने, दर्शन व कालीसिल नदी तट पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आस्थाधाम में सफाई व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए 300 से अधिक कार्मिक नियुक्त किए हैं।

कैलादेवी मंदिर में श्रद्धालु साल भर आते हैं, परंतु चैत्र मास में यहां भक्तों की भीड़ व मेले का नजारा बेहद ही भव्य होता है। यहां की लोकल लांगुरिया के गीत गाकर माता को भक्त खुश करने की कोशिश करते हैं। यह मंदिर राजस्थान के करौली जिले के कालीसील नदी के किनारे पर स्थित कैला गांव में स्थित है। मान्यता है कि माता किसी भी तरह के आक्रमण से राज्य की रक्षा करती है, इसलिए यहां के पूर्व रियासत के शासकों की भी देवी पर अटूट आस्था थी। आज से शुरू हुए मेले का समापन 4 अप्रैल को होगा, जिसमें विभिन्न राज्यों से 50 से 60 लाख के करीब श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। मेले को शांतिपूर्ण रूप से संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन ने एसडीएम दीपांशू सांगवान को मेला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है। साथ ही सहायक और अतिरिक्त मेला मजिस्ट्रेट भी नियुक्त किए गए हैं।

पुलिस अधीक्षक नारायण सिंह टोंगस के नेतृत्व मे पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है, जो 24 घंटे मेला स्थल पर रहकर यात्रियों की समस्या का समाधान करेंगे। जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने संबधित विभागों के अधिकारियों को 24 घंटे मेले पर नजर बनाये रखने के निर्देश दिये हैं। जिला कलेक्टर ने बताया की यात्रियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। साथ ही लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।