चुनौतियों से भरा रहा पुरोहित का कार्यकाल, कटारिया के सामने भी होंगी वही चुनौती
Jul 28, 2024, 13:14 IST
चण्डीगढ़, 28 जुलाई असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया अब पंजाब के राज्यपाल एवं चण्डीगढ़ के प्रशासक होंगे।वे बनवारी लाल पुरोहित के स्थान पर कार्यभार ग्रहण करेंगे।
बनवारी लाल पुरोहित ने 21 अगस्त, 2021 को पंजाब के राज्यपाल का कार्यभार संभाला। पुरोहित पंजाब में कुल 2 साल 332 दिन राज्यपाल रहे। उन्होंने फरवरी, 2024 में ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था लेकिन राष्ट्रपति ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था, लिहाजा वे इस पद पर बने हुए थे। नए राज्यपालों की नियुक्ति के साथ ही राष्ट्रपति ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया।
बनवारी लाल पुरोहित का अपने कार्यकाल में कई मुद्दों पर पंजाब की भगवंत मान सरकार के साथ टकराव रहा है। पंजाब में विधानसभा सत्र बुलाये जाने के मुद्दे पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान कई बार आमने-सामने आ गए। पंजाब सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति या उप कुलपति (वाइस चांसलर) नियुक्त करने के अधिकार राज्यपाल की बजाए स्वयं के पास लेने का प्रस्ताव तक विधानसभा में पारित कर दिया था, जोकि संविधान सम्मत नहीं था।
बनवारी लाल ने राज्यपाल के पद पर रहते हुए कई बार सीमावर्ती जिलों के दौरे किए और नशीले पदार्थों के बढ़ते चलन के मुद्दे पर सरकार को घेरा। दो दिन पहले भी वह अमृतसर, तरनतारन जिलों का दौरा लौटे थे। इस दौरे के पश्चात भी पुरोहित ने नशे और विश्वविद्यालयों के मुद्दे पर सरकार को घेरा था।
नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के समक्ष भी पंजाब सरकार के साथ तालमेल बिठाने की बड़ी चनौती होगी। यहीं नही चण्डीगढ़ प्रशासक के पद पर भी कटारिया के समक्ष कई चुनौतियां होंगी। चण्डीगढ़ में इस समय कांग्रेस के सांसद हैं और निगम में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस गठबंधन का प्रभुत्व है। जिसके चलते यहां मुफ्त पानी और बिजली दिए जाने के मुद्दे पर विवाद चल रहा है, जिसका सामना आते ही नए प्रशासक को करना पड़ेगा।
बनवारी लाल पुरोहित ने 21 अगस्त, 2021 को पंजाब के राज्यपाल का कार्यभार संभाला। पुरोहित पंजाब में कुल 2 साल 332 दिन राज्यपाल रहे। उन्होंने फरवरी, 2024 में ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था लेकिन राष्ट्रपति ने उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया था, लिहाजा वे इस पद पर बने हुए थे। नए राज्यपालों की नियुक्ति के साथ ही राष्ट्रपति ने उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया।
बनवारी लाल पुरोहित का अपने कार्यकाल में कई मुद्दों पर पंजाब की भगवंत मान सरकार के साथ टकराव रहा है। पंजाब में विधानसभा सत्र बुलाये जाने के मुद्दे पर राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान कई बार आमने-सामने आ गए। पंजाब सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपति या उप कुलपति (वाइस चांसलर) नियुक्त करने के अधिकार राज्यपाल की बजाए स्वयं के पास लेने का प्रस्ताव तक विधानसभा में पारित कर दिया था, जोकि संविधान सम्मत नहीं था।
बनवारी लाल ने राज्यपाल के पद पर रहते हुए कई बार सीमावर्ती जिलों के दौरे किए और नशीले पदार्थों के बढ़ते चलन के मुद्दे पर सरकार को घेरा। दो दिन पहले भी वह अमृतसर, तरनतारन जिलों का दौरा लौटे थे। इस दौरे के पश्चात भी पुरोहित ने नशे और विश्वविद्यालयों के मुद्दे पर सरकार को घेरा था।
नए राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया के समक्ष भी पंजाब सरकार के साथ तालमेल बिठाने की बड़ी चनौती होगी। यहीं नही चण्डीगढ़ प्रशासक के पद पर भी कटारिया के समक्ष कई चुनौतियां होंगी। चण्डीगढ़ में इस समय कांग्रेस के सांसद हैं और निगम में आम आदमी पार्टी व कांग्रेस गठबंधन का प्रभुत्व है। जिसके चलते यहां मुफ्त पानी और बिजली दिए जाने के मुद्दे पर विवाद चल रहा है, जिसका सामना आते ही नए प्रशासक को करना पड़ेगा।