पंजाब सरकार ने अग्निवीर अमृतपाल के परिजनों को दी एक करोड़ की सहायता
सेना ने अमृतपाल सिंह को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ न देकर किया अपमान: मुख्यमंत्री
Oct 16, 2023, 19:24 IST

मानसा, 16 अक्टूबर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जम्मू-कश्मीर में देश की सेवा के दौरान बलिदान हुए अग्निवीर अमृतपाल सिंह के परिजनों को सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये के चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृतपाल सिंह के देश के प्रति योगदान के सम्मान में राज्य सरकार उन्हें शहीद का दर्जा देगी।
मुख्यमंत्री सोमवार को मानसा के गांव कोटली कलां में बलिदानी अग्निवीर अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने देश के पहले बलिदानी अग्निवीर अमृतपाल सिंह के माता-पिता से मिले और अमृतपाल को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उसके परिजनों से भेंट कर उन्हें सरकार की ओर से सहायता के रूप में एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। गांव का दौरा करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बहादुर सैनिक ने देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उसके अमूल्य योगदान के सम्मान के तौर पर राज्य सरकार का यह विनम्र सा प्रयास है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार परिवार के साथ खड़ी है क्योंकि यह देश और ख़ासकर शहीद के परिवार के लिए कभी न पूरा होने वाली क्षति है। उन्होंने कहा कि गांव में शहीद के नाम की प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी।
बलिदानी अमृतपाल सिंह को सेना के ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ न देने पर मुख्यमंत्री ने सख़्त ऐतराज़ ज़ाहिर किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि भेदभाव वाले इस बर्ताव से फ़ौजी जवानों के मनोबल को चोट पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि शहीद जवान अग्निवीर होने के कारण फ़ौज का उसके प्रति यह व्यवहार बहुत दुखदायक है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार देखा गया है कि शहीद सैनिक की देह को प्राइवेट एंबुलेंस में लाना पड़ा हो, जो सरासर अपमान है। सेना ने अमृतपाल सिंह के पार्थिव देह लाने के लिए एंबुलेंस तक भी मुहैया नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि अमृतपाल की शहादत को खुदकुशी करार देना और भी दुख की बात है।
मुख्यमंत्री सोमवार को मानसा के गांव कोटली कलां में बलिदानी अग्निवीर अमृतपाल सिंह के घर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने देश के पहले बलिदानी अग्निवीर अमृतपाल सिंह के माता-पिता से मिले और अमृतपाल को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने उसके परिजनों से भेंट कर उन्हें सरकार की ओर से सहायता के रूप में एक करोड़ रुपये का चेक सौंपा। गांव का दौरा करने के उपरांत मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बहादुर सैनिक ने देश की एकता, अखंडता और प्रभुसत्ता की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभाते हुए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उसके अमूल्य योगदान के सम्मान के तौर पर राज्य सरकार का यह विनम्र सा प्रयास है। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में सरकार परिवार के साथ खड़ी है क्योंकि यह देश और ख़ासकर शहीद के परिवार के लिए कभी न पूरा होने वाली क्षति है। उन्होंने कहा कि गांव में शहीद के नाम की प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी।
बलिदानी अमृतपाल सिंह को सेना के ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ न देने पर मुख्यमंत्री ने सख़्त ऐतराज़ ज़ाहिर किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि भेदभाव वाले इस बर्ताव से फ़ौजी जवानों के मनोबल को चोट पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि शहीद जवान अग्निवीर होने के कारण फ़ौज का उसके प्रति यह व्यवहार बहुत दुखदायक है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार देखा गया है कि शहीद सैनिक की देह को प्राइवेट एंबुलेंस में लाना पड़ा हो, जो सरासर अपमान है। सेना ने अमृतपाल सिंह के पार्थिव देह लाने के लिए एंबुलेंस तक भी मुहैया नहीं करवाई गई। उन्होंने कहा कि अमृतपाल की शहादत को खुदकुशी करार देना और भी दुख की बात है।