Pal Pal India

पंजाब : मुख्यमंत्री ने 35 हजार युवाओं को दिलाई नशे के विरुद्ध शपथ

श्री हरिमन्दिर साहिब में अरदास कर पंजाब को नशा मुक्त बनाने का लिया प्रण 
 
  पंजाब : मुख्यमंत्री ने 35 हजार युवाओं को दिलाई नशे के विरुद्ध शपथ
अपनी किस्म का यह पहला जन आंदोलन नशे की रीड़ की हड्डी तोड़ेगा: मुख्यमंत्री 
अमृतसर,18 अक्टूबर  मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने मंगलवार को हरिमन्दिर साहिब में पंजाब को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के लिए राज्यभर के हज़ारों नौजवानों को शपथ दिलायी।
मंगलवार को पंजाब को पूरी तरह नशा मुक्त बनाने के लिए हरिमन्दिर साहिब में एक विशेष अरदास का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ पीली पगड़ी, पटके और चुननियों के साथ सजे हज़ारों नौजवानों ने भाग लिया। इस मौके पर सभी ने अरदास की कि पंजाब को नशा मुक्त बनाने और इस कुरीति को जड़ से मिटाने के पवित्र मिशन की कामयाबी मिले। उन्होंने राज्य में नौजवानों की ताकत को रचनात्मक दिशा में लाने के मंतव्य से शुरू किये इस मिशन की सफलता के लिए अरदास की। दरबार साहिब में अरदास की रस्म ग्रंथी सिंह बलजीत सिंह ने निभाई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि सदियों से श्री हरिमन्दिर साहिब प्रत्येक नेक कार्य के लिए मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है। अरदास का एकमात्र मंतव्य राज्य से नशे के श्राप का अंत करने के लिए शुरू किये इस मिशन की सफलता के लिए परमात्मा का आशीर्वाद लेना है। मान ने कहा कि इस मुहिम में बड़ी संख्या नौजवानों की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि पंजाब की नौजवान पीढ़ी इस नेक कार्य के लिए राज्य सरकार का सहयोग करने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खि़लाफ़ यह अपनी तरह की पहली लोक लहर है।
उन्होंने कहा कि ‘होप पहल कदमी’ के अंतर्गत शुरू किये इस नशा विरोधी मिशन में ‘अरदास करो, हलफ़ लो और खेड्डो’ की तीन स्तरीय रणनीति बनायी गई है। इस मुहिम के पहले पड़ाव में हज़ारों नौजवान आज पंजाब को नशा मुक्त बनाने की अरदास में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि इस अरदास में हज़ारों लोग ऑनलाइन भी जुड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार नशे के खि़लाफ़ मुहिम ज़मीनी स्तर पर शुरू की गई है। वह दिन दूर नहीं, जब लोगों के सक्रिय सहयोग और तालमेल से इस खतरे का बिल्कुल सफाया कर दिया जाएगा। मान ने कहा कि नशा तस्करों को जेलों में डाल कर नशे की सप्लाई लाइन को तोड़ा जा रहा है। साथ ही नशा पीड़ितों के इलाज और उनके पुनर्वास पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है