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पंजाब यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई का जलवा

‘आप’  की विचारधारा एक साल में ही पतन पर पहुंची 
 
पंजाब यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई का जलवा 

चंडीगढ़, 07 सितंबर। चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन चुनाव में एनएसयूआई के प्रधान जतिंदर सिंह 603 वोटों से जीत गए हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के छात्र संघ सीवाईएसएस को शिकस्त दी है, जो पिछले साल 600 से ज्यादा वोटों से जीते थे। सियासी विशेषज्ञों के मुताबिक 6 साल बाद एनएसयूआई के प्रधान की जीत कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का कमाल है। यूनिवर्सिटी के इन चुनाव नतीजों का असर चंडीगढ़, पंजाब व हरियाणा में होने वाले लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा।
पिछले साल का असर बेअसर

पिछले साल पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी के चुनावों में सीवाईएसएस का असर देखा गया। यहां प्रधान पद के लिए सीवाईएसएस के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। परंतु 1 साल बाद ही जितनी वोटों से उनका उम्मीदवार जीता था, करीब उतनी ही वोटों से इस बार हार गया। इसका कारण वीआईपी कल्चर बताया जा रहा है। पार्टी के विधायक व मंत्री बार-बार छात्र संघ के कार्यक्रमों में पंजाब यूनिवर्सिटी आ रहे थे। इसका दूसरे सभी छात्र दल विरोध कर रहे थे। माना जा रहा है कि इसी से खफा होकर छात्रों ने उनके खिलाफ वोट डाले।

पीयूएसयू के साथ झगड़े का भी असर

चुनाव से 2 दिन पहले सीवाईएसएस के कुछ छात्रों ने पंजाब यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार देवेंद्र पाल के साथ मारपीट के आरोप लगाए थे। इस मारपीट के दौरान उसकी पगड़ी सिर से गिर गई थी। इस घटना का सभी छात्र संगठनों ने एकजुट होकर विरोध किया था। इसका असर भी सीवाईएसएस के विरोध में गया।

एनएसयूआई कैंडिडेट ने एबीवीपी की वोट काटी

एनएसयूआई उम्मीदवार जतिंदर सिंह इन चुनावों से पहले एबीवीपी के छात्र नेता थे। वह काफी समय से एबीवीपी में काम कर रहे थे। संगठन में उन्होंने अच्छी पकड़ बनाई हुई थी। लेकिन छात्र संघ चुनाव में प्रधान उम्मीदवार घोषित न होने की उम्मीद के कारण उन्होंने चुनाव से कुछ समय पहले ही एनएसयूआई का दामन थामा था। इस कारण जो एबीवीपी में उनके समर्थक थे, उनके वोट अब एनएसयूआई को मिले।