दरबार साहिब में उमड़ी भीड़, दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद
आसपास की सभी सराय, धर्मशाला व होटल हुए फुल
Nov 12, 2023, 13:11 IST

चंडीगढ़, 12 नवंबर दीपावली व बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर देश-विदेश से श्रद्धालु अमृतसर स्थित दरबार साहिब पहुंच रहे हैं। सिख धर्म में अधिकतर लोगों का यह प्रयास रहता है कि दीपावली की रात दरबार साहिब में ही माथा टेका जाए। पंजाब में कहावत है कि (दाल रोटी घर दी-दीवाली अमृतसर दी)।
रविवार को दीपावली के अवसर पर अल सुबह से ही देश-विदेश से आए हुए श्रद्धालु दरबार साहिब पहुंच गए हैं। सामान्य दिनों में जहां यहां पर करीब एक से सवा लाख श्रद्धालु आते हैं वहीं रविवार को बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर यहां दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके चलते अमृतसर की सभी सराय, धर्मशाला, होटल व लॉज पहले से ही बुक हो चुके हैं। पंजाब में परंपरा है कि कनाडा, जर्मनी व आस्ट्रेलिया में बसे सिख बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर पंजाब में अपने पैतृक गांवों में पहुंच जाते हैं और दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद अपने काम शुरू करते हैं।
रविवार को दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर अमृतसर के गोल्डन टेंपल को सुंदर लाइटों से सजाया गया है। स्वर्ण मंदिर इस कदर खूबसूरत दिख रहा है कि हर कोई उसे एक टक देखता रह जाता है और प्रणाम करता है। शाम होते ही इसकी खूबसूरती कई गुणा बढ़ने वाली है। शाम को गोल्डन की परिक्रमा में 1 लाख देसी घी के दीये जलाए जाएंगे। इसके बाद भव्य आतिशबाजी भी की जाएगी, जिसे देखने विश्वभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
इस उपलक्ष्य में पूरे स्वर्ण मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। सोने से बने इस मंदिर पर येलो रंग के कांच के बने बल्ब जगमग कर रहे हैं, जो इसकी खूबसूरती कई गुणा बढ़ा रहे हैं। लंगर में दाल-रोटी के अलावा खीर, जलेबी भी श्रद्धालुओं को परोसी जा रही है।
रविवार को दीपावली के अवसर पर अल सुबह से ही देश-विदेश से आए हुए श्रद्धालु दरबार साहिब पहुंच गए हैं। सामान्य दिनों में जहां यहां पर करीब एक से सवा लाख श्रद्धालु आते हैं वहीं रविवार को बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर यहां दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। जिसके चलते अमृतसर की सभी सराय, धर्मशाला, होटल व लॉज पहले से ही बुक हो चुके हैं। पंजाब में परंपरा है कि कनाडा, जर्मनी व आस्ट्रेलिया में बसे सिख बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर पंजाब में अपने पैतृक गांवों में पहुंच जाते हैं और दरबार साहिब में माथा टेकने के बाद अपने काम शुरू करते हैं।
रविवार को दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर अमृतसर के गोल्डन टेंपल को सुंदर लाइटों से सजाया गया है। स्वर्ण मंदिर इस कदर खूबसूरत दिख रहा है कि हर कोई उसे एक टक देखता रह जाता है और प्रणाम करता है। शाम होते ही इसकी खूबसूरती कई गुणा बढ़ने वाली है। शाम को गोल्डन की परिक्रमा में 1 लाख देसी घी के दीये जलाए जाएंगे। इसके बाद भव्य आतिशबाजी भी की जाएगी, जिसे देखने विश्वभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं।
इस उपलक्ष्य में पूरे स्वर्ण मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। सोने से बने इस मंदिर पर येलो रंग के कांच के बने बल्ब जगमग कर रहे हैं, जो इसकी खूबसूरती कई गुणा बढ़ा रहे हैं। लंगर में दाल-रोटी के अलावा खीर, जलेबी भी श्रद्धालुओं को परोसी जा रही है।