सरकारी अधिकारी को पराली जलाने के लिए मजबूर करने वाले लोगों पर एफआईआर करने दर्ज का आदेश
Nov 4, 2023, 20:06 IST

चंडीगढ़, 4 नवंबर एक वीडियो में भीड़ की तरफ से सरकारी अधिकारी को पराली जलाने के लिए मजबूर करने की घटना का गंभीर नोटिस लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शनिवार को इस घृणित जुर्म को अंजाम देने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
एक बयान में मुख्यमंत्री ने इस घटना की सख्त निंदा करते हुए इसको राज्य के लोगों के खिलाफ अमानवीय काम बताया। गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता माता धरती महतु’ का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि महान गुरू साहिबान ने हवा (पवन) को गुरू, पानी (पानी) को पिता और जमीन (धरती) को माता का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस घटना से पता लगता है कि राज्य में लोगों की तरफ से महान गुरुओं के संदेश का सम्मान नहीं किया जा रहा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार इस घिनौनी घटना के घटने पर मूक दर्शक बन कर नहीं बैठ सकती और न ही अराजकता फैलाने की इजाजत दे सकती है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी खेतों में पराली न जलाने का संदेश लेकर गया था, परन्तु वहां जुटी भीड़ ने अधिकारी के हाथ में माचिस की डिबिया पकड़ा कर पराली को आग लगाने के लिए मजबूर किया जिसको किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी बुजदिली वाली कार्रवाई को अंजाम देकर यह लोग अपने ही बच्चों का जीवन बर्बाद करने के रास्ते पर चले हुए हैं क्योंकि इन्हीं खेतों का धुआं बच्चों का दम घोटेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल लोगों की शिनाख्त करके केस करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी मनमानी वाली और आपराधिक घटना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। मान ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे असंवेदनशील लोगों को पर्यावरण दूषित करके बच्चों की अनमोल जिन्दगियों के साथ खेलने की इजाजत नहीं देगी।
एक बयान में मुख्यमंत्री ने इस घटना की सख्त निंदा करते हुए इसको राज्य के लोगों के खिलाफ अमानवीय काम बताया। गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता माता धरती महतु’ का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि महान गुरू साहिबान ने हवा (पवन) को गुरू, पानी (पानी) को पिता और जमीन (धरती) को माता का दर्जा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि इस घटना से पता लगता है कि राज्य में लोगों की तरफ से महान गुरुओं के संदेश का सम्मान नहीं किया जा रहा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य सरकार इस घिनौनी घटना के घटने पर मूक दर्शक बन कर नहीं बैठ सकती और न ही अराजकता फैलाने की इजाजत दे सकती है। उन्होंने कहा कि सरकारी अधिकारी खेतों में पराली न जलाने का संदेश लेकर गया था, परन्तु वहां जुटी भीड़ ने अधिकारी के हाथ में माचिस की डिबिया पकड़ा कर पराली को आग लगाने के लिए मजबूर किया जिसको किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसी बुजदिली वाली कार्रवाई को अंजाम देकर यह लोग अपने ही बच्चों का जीवन बर्बाद करने के रास्ते पर चले हुए हैं क्योंकि इन्हीं खेतों का धुआं बच्चों का दम घोटेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में शामिल लोगों की शिनाख्त करके केस करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी मनमानी वाली और आपराधिक घटना को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। मान ने कहा कि राज्य सरकार ऐसे असंवेदनशील लोगों को पर्यावरण दूषित करके बच्चों की अनमोल जिन्दगियों के साथ खेलने की इजाजत नहीं देगी।