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जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों ने लौटाई पुलिस सुरक्षा

 
जंतर-मंतर पर बैठे पहलवानों ने लौटाई पुलिस सुरक्षा

नई दिल्ली, 3 मई। भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण के खिलाफ धरने पर बैठे पहलवानों का दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना जारी है। उन्होंने दिल्ली पुलिस की सिक्योरिटी लौटा दी है। वहीं बुधवार को इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी ऊषा जंतर-मंतर पहुंची।

यहां उन्होंने धरने पर बैठे पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मालिक व दूसरे पहलवानों से बातचीत की। इस दौरान बजरंग पूनिया ने कहा कि पीटी ऊषा ने बोला कि वह हमारे साथ खड़ी हैं और हमें न्याय दिलाएंगी। वह पहले एक एथलीट हैं और फिर कुछ और। वह जल्द से जल्द इसका समाधान करेंगी। बजरंग ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के जेल जाने तक हम यहीं रहेंगे।

इससे पहले पीटी ऊषा ने धरने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे देश की छवि खराब हो रही है। इसके जवाब में रेसलर्स ने कहा था कि उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी। उधर, विनेश फोगाट ने कहा कि हमने केंद्रीय खेल मंत्री (अनुराग ठाकुर) से बात करने के बाद अपना धरना समाप्त कर दिया था और सभी एथलीटों ने उन्हें यौन उत्पीडऩ के बारे में बताया था। एक कमेटी बनाकर उन्होंने मामले को दबाने की कोशिश की, उस समय कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं पहलवानों की मांगों को लेकर भाजपा सांसद मेनका गांधी ने समर्थन किया है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है, भगवान करने उन्हें न्याय मिले।

मैं एक पॉलिसी लेकर आया, इन्हें दिक्कत हो गई

बृजभूषण शरण सिंह ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, जिन अध्यक्ष के घर आप आते थे, शादी में बुलाते थे, परिवार में आते थे, घुल-मिलकर रहते थे, जैसे एक परिवार हों। तब आपने कोई गोपनीय शिकायत नहीं की। आपको तब सारी दिक्कत हो जाती है, जब मैं एक पॉलिसी लेकर आता हूं। ओलिंपिक में कौन जाएगा, कौन नहीं जाएगा, ये नियम बनाता हूं, तब आपको तकलीफ होती है। कुश्ती में सामान्य परिवार के बच्चे आते हैं। कहीं न कहीं उनके माता-पिता अपनी जरूरतों में कटौती करके बादाम-घी का इंतजाम करते हैं। वे उम्मीद रखते हैं कि बेटा नेशनल, इंटरनेशनल खेलेगा। मैं आपको बताना चाहता हूं कि जिस मोदी जी की आज ये निंदा कर रहे हैं, जिस योगी जी की आज ये निंदा कर रहे हैं, दुनिया का कोई देश खिलाडिय़ों को इतनी सहूलियत या पैसा नहीं देता, जितना हमारा देश देता है। कई देश तरसते हैं कि काश, हमें भारत से मौका मिलता। उन्होंने कहा, शुरू में लगता था कि आंदोलन मुझ तक सीमित है और मुझे ही हटाना चाहते हैं। अब लगता है कि यह आंदोलन शुरू से राजनीति से प्रेरित है। हरियाणा, राजस्थान, लोकसभा का चुनाव आ रहा है। विभाजन कैसे हो, यह सोची-समझी रणनीति है।