तीन से चार चरणों में पूरा होता लोकसभा चुनाव तो बेहतर होता: मायावती
Mar 16, 2024, 20:24 IST

लखनऊ, 16 मार्च केंद्रीय चुनाव आयोग ने देशभर में 19 अप्रैल से 01 जून तक सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराने की शनिवार को घोषणा कर दी है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने इसका स्वागत किया है। हालांकि इस देश के लोगों को हर चुनाव की तरह इस चुनाव का भी बेसब्री से इंतजार था।
मायावती ने कहा है कि वैसे तो आयोग द्वारा घोषित चुनावी कार्यक्रम फाइनल है, जिसके अनुसार यह चुनाव कुल मिलाकर सात चरणों में लगभग ढाई महीनों में पूरा होगा। उनका मानना है कि यदि यह चुनाव कम से कम समय अर्थात् तीन या चार चरणों में पूरा होता तो यह बेहतर होता। इससे देश के समय व संसाधन दोनों के लाभ के साथ ही चुनावी खर्च कम करना भी संभव होता। साथ ही चुनावी माहौल को लगातार तनावपूर्ण जातिवादी व सांप्रादायिक बने रहने सहित अन्य और भी कई समस्याएं इससे दूर होने की संभावना है।
इतना ही नहीं बल्कि चुनाव के खर्चीले व लम्बे समय तक खींचे जाने से खासकर गरीबों, उपेक्षितों व कमजोर तबकों के तन-मन-धन से चलने वाली पार्टी बसपा को धनवान पार्टियों से सही और ईमानदार तरीके से मुकाबला करना लगातार बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
मायावती ने कहा कि देश में लोकतंत्र की जमीनी मजबूती के लिए चुनाव का पहली नजर में ही स्वतंत्र व निष्पक्ष होना बहुत जरूरी है। इसकी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने के लिए निर्वाचन आयोग से बहुत सारी उम्मीदें लोगों को हैं।
ऐसे में आयोग को यह पूर्ण रूप से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के क्रम में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को पूरी सख्ती से साथ रोकने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को समान चुनावी अवसर प्रदान करने के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता रीढ़ का काम करता है, जिसका भी सही एवं सख्ती से पालन होना बहुत जरूरी है।
मायावती ने कहा कि कुल मिलाकर जन संतोष के अनुसार पूरी तरह से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराकर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने की शक्ति व संवैधानिक जिम्मेदरी निर्वाचन आयोग में निहित है। वह अपने दायित्व पर पूरी तरह से खरा उतरेगा, इसकी देश को आशा है। इसके साथ देशवासियों से अपील है कि लोकतंत्र के इस सेक्युलर त्योहार में खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा ले और अपनी सर्वजन हितैशी पार्टी एवं सरकार को चुने।
मायावती ने कहा है कि वैसे तो आयोग द्वारा घोषित चुनावी कार्यक्रम फाइनल है, जिसके अनुसार यह चुनाव कुल मिलाकर सात चरणों में लगभग ढाई महीनों में पूरा होगा। उनका मानना है कि यदि यह चुनाव कम से कम समय अर्थात् तीन या चार चरणों में पूरा होता तो यह बेहतर होता। इससे देश के समय व संसाधन दोनों के लाभ के साथ ही चुनावी खर्च कम करना भी संभव होता। साथ ही चुनावी माहौल को लगातार तनावपूर्ण जातिवादी व सांप्रादायिक बने रहने सहित अन्य और भी कई समस्याएं इससे दूर होने की संभावना है।
इतना ही नहीं बल्कि चुनाव के खर्चीले व लम्बे समय तक खींचे जाने से खासकर गरीबों, उपेक्षितों व कमजोर तबकों के तन-मन-धन से चलने वाली पार्टी बसपा को धनवान पार्टियों से सही और ईमानदार तरीके से मुकाबला करना लगातार बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
मायावती ने कहा कि देश में लोकतंत्र की जमीनी मजबूती के लिए चुनाव का पहली नजर में ही स्वतंत्र व निष्पक्ष होना बहुत जरूरी है। इसकी संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने के लिए निर्वाचन आयोग से बहुत सारी उम्मीदें लोगों को हैं।
ऐसे में आयोग को यह पूर्ण रूप से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के क्रम में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को पूरी सख्ती से साथ रोकने के साथ ही विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को समान चुनावी अवसर प्रदान करने के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता रीढ़ का काम करता है, जिसका भी सही एवं सख्ती से पालन होना बहुत जरूरी है।
मायावती ने कहा कि कुल मिलाकर जन संतोष के अनुसार पूरी तरह से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराकर लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने की शक्ति व संवैधानिक जिम्मेदरी निर्वाचन आयोग में निहित है। वह अपने दायित्व पर पूरी तरह से खरा उतरेगा, इसकी देश को आशा है। इसके साथ देशवासियों से अपील है कि लोकतंत्र के इस सेक्युलर त्योहार में खूब बढ़-चढ़कर हिस्सा ले और अपनी सर्वजन हितैशी पार्टी एवं सरकार को चुने।