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जरूरतमंदों को किफायती किराए के लिए मकान बनाने की योजना पर हो रहा काम : मनाेहर लाल खट्टर

 
  जरूरतमंदों को किफायती किराए के लिए मकान बनाने की योजना पर हो रहा काम : मनाेहर लाल खट्टर
नई दिल्ली, 30 सितंबर  केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि महानगरों में बाहर से आए कामगारों, छात्रों को भी किफायती किराए पर मकान उपलब्ध कराए जाने की योजना पर केंद्र सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे जरूरतमंद लोग जो मकान बनाने व खरीदने में समर्थ नहीं उन्हें ये मकान किराए पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की उपलब्धियों पर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार और मंत्रालय ने नई सरकार के पहले 100 दिनों में नागरिकों के लिए जीवन की सुगमता बढ़ाने और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का तरीका प्रदान करने की दिशा में काम किया है।
उन्होंने कहा कि घर की बुनियादी आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके लिए आवास का नारा दिया और 10 जून 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3 करोड़ अतिरिक्त ग्रामीण और शहरी परिवारों को घर बनाने के लिए सहायता प्रदान करने का संकल्प लिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसरण में 10 लाख करोड़ के निवेश के साथ पीएमएवाई-यू 2.0 एक करोड़ परिवारों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने यह भी बताया कि सरकार के 100 दिनों के भीतर 31,000 करोड़ रुपये की तीन मेट्रो परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसमें बेंगलुरु मेट्रो फेज-3, ठाणे इंटरनल रिंग रोड मेट्रो परियोजनाएं और पुणे मेट्रो रेल परियोजना का दक्षिण की ओर विस्तार शामिल है।
पानी के महत्व पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में पानी के पुनर्चक्रण और प्रसंस्करण के साथ-साथ पुन: उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पहले 100 दिनों में एक नई योजना जल ही अमृत को मंजूरी दी गई है। इस पहल के तहत, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उपयोग किए गए पानी (सीवेज) उपचार संयंत्रों (यूडब्ल्यूटीपी/एसटीपी) का कुशलतापूर्वक प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करने की परिकल्पना की गई है ।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अमृत 2.0 के तहत 100 दिनों की उपलब्धि के तहत बिहार, छत्तीसगढ़, दादर एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में 3020 करोड़ रुपये की लागत वाली 68 परियोजनाएं तथा 3,805 करोड़ रुपये की लागत वाली 41 परियोजनाएं कुल 6,825 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाएं पूरी की जाएंगी। कुल मिलाकर 100 दिनों में 9,352 करोड़ रुपये की लागत वाली 263 परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास पूरा किया जाएगा।