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संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली के लिए युवाओं और महिलाओं को बनाएंगे हुनरमंद : गिरिराज सिंह

 
संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली के लिए युवाओं और महिलाओं को बनाएंगे हुनरमंद : गिरिराज सिंह​​​​​​​ 
बेगूसराय, 17 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह के नेतृत्व में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय गांव को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। उत्तरोत्तर विकास की इसी कड़ी में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने आयुष मंत्रालय के साथ मिलकर ग्रामीण युवाओं को हुनरमंद बनाने और महिला सशक्तिकरण के लिए नया अभियान शुरू कर दिया है।

ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत आयुष संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली के लिए ग्रामीण गरीब युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हुनरमंद बनाएगा। ग्रामीण युवाओं को पंचकर्म तकनीशियन एवं सहायक के रूप में प्रशिक्षण देने के लिए एक कोर्स प्रायोगिक तौर पर शुरू किया जाएगा। जिससे भारतीय चिकित्सा की पुरानी पद्धति आयुर्वेद एक बार फिर जीवन रक्षक बनकर हर घर तक पहुंच जाएगा।

गिरिराज सिंह ने कहा है कि दीन दयाल उपाध्याय-ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के एक भाग के रूप में डीडीयू-जीकेवाई का उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और विश्व स्तर पर उपयुक्त कार्यबल तैयार करना है।

डीडीयू-जीकेवाई योजना के तहत राष्ट्रीय योग्यता रजिस्टर पर उपलब्ध राष्ट्रीय कौशल योग्यता रूपरेखा संरेखित पाठ्यक्रमों में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापनों पर गुरुवार को हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता ज्ञापन महिला स्वयं सहायता समूहों और ग्रामीण गरीब युवाओं को सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा। प्रारंभिक लक्ष्य बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रशिक्षित करना है, जिसे आगे चलकर बढ़ाया जाएगा। हम स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता देंगे।

इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों मंत्रालयों के बीच तालमेल, मिलकर काम करने और ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक विकास और गरीबी उन्मूलन के बड़े लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम होने की उम्मीद है। दोनों पक्ष एक संयुक्त कार्य समूह स्थापित करने पर भी सहमत हुए, जिसके माध्यम से पारस्परिक हित के अन्य कार्यों की पहचान की जा सकती है और ग्रामीण विकास मंत्रालय और आयुष मंत्रालय संयुक्त रूप से काम कर सकते हैं।

ग्रामीण गरीब युवाओं को पंचकर्म सहायक के रूप में प्रशिक्षण देने के लिए प्रायोगिक पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे। पायलट आधार पर पंचकर्म तकनीशियन, पंचकर्म सहायक, आयुर्वेदिक मालिशिया, क्षार कर्म तकनीशियन एवं कपिंग थेरेपी सहायक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

शुरू किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम को डीडीयू-जीकेवाई लागत मानदंडों के अनुसार सहायता देगा। एनआरएलएम और डीडीयू-जीकेवाई आयुष मंत्रालय के संस्थानों द्वारा पाठ्यक्रमों और उनके प्रशिक्षण के बारे में इच्छुक स्वयं सहायता समूह के सदस्यों और ग्रामीण गरीब युवाओं को सूचीबद्ध करने के लिए राज्यों को सूचित करेंगे। जबकि, आयुष मंत्रालय आकांक्षियों एवं उम्मीदवारों के कोर्स, प्रशिक्षण और प्रमाणन के लिए अपना संस्थान प्रदान करेगा।

देश भर में प्रतिनियुक्त नोडल एजेंसी अपने संबंधित राज्यों में डीडीयू-जीकेवाई मानदंडों के अनुसार उम्मीदवारों को संगठित करने के साथ परामर्श, प्रशिक्षण, प्लेसमेंट और ट्रैकिंग सुनिश्चित करेंगी। इसके अलावा दोनों मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रासंगिक योजनाओं के तहत आय के लिए अतिरिक्त स्रोत उत्पन्न करने के लिए अनुमेय औषधीय वृक्षारोपण कार्यों, पौध संरक्षण, अंतर-फसल की पहचान करने में तकनीकी सहायता प्रदान करने की प्रणाली तैयार करेंगे। वृक्षारोपण और विभिन्न सामुदायिक स्तर के आजीविका कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण की भी व्यवस्था होगी।