उपराष्ट्रपति ने एनसीसी कैडेटों से राष्ट्र विरोधी ताकतों से सतर्क रहने का किया आग्रह
Updated: Jan 5, 2025, 19:30 IST
नई दिल्ली, 5 जनवरी उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के जवानों से भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए राष्ट्र विरोधी ताकतों के प्रति सतर्क रहने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति ने कैडेटों को 2047 तक भारत के गौरव का निर्माता बताया।
उपराष्ट्रपति ने आज दिल्ली कैंट के करिअप्पा परेड ग्राउंड स्थित मुख्यालय डीजी एनसीसी कैंप में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के उद्घाटन अवसर पर एनसीसी कैडेटों को संबोधित किया। उन्होंने एनसीसी की सराहना करते हुए कहा कि यह एक अनुशासित बल है जो मानव विकास के लिए आवश्यक गुणों का संचार करता है। उपराष्ट्रपति ने कैडेटों को 2047 तक भारत के गौरव का निर्माता बताया। संगठन राष्ट्रवाद और राष्ट्र-प्रथम दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। दुनिया का कोई भी राष्ट्र तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक उसके नागरिक राष्ट्रवाद के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध न हों।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय परिवर्तन की नींव पांच शक्तिशाली स्तंभों अर्थात सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक प्रबोधन, पर्यावरण चेतना, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्यों पर टिकी हुई है। पंचप्राण पर धनखड़ ने कहा कि विविधता को राष्ट्रीय एकता में बदलने वाली सामाजिक समरसता सबसे महत्वपूर्ण है। जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों का पोषण हमारे परिवारों के भीतर प्रबुद्धता से शुरू होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने आज दिल्ली कैंट के करिअप्पा परेड ग्राउंड स्थित मुख्यालय डीजी एनसीसी कैंप में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर-2025 के उद्घाटन अवसर पर एनसीसी कैडेटों को संबोधित किया। उन्होंने एनसीसी की सराहना करते हुए कहा कि यह एक अनुशासित बल है जो मानव विकास के लिए आवश्यक गुणों का संचार करता है। उपराष्ट्रपति ने कैडेटों को 2047 तक भारत के गौरव का निर्माता बताया। संगठन राष्ट्रवाद और राष्ट्र-प्रथम दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। दुनिया का कोई भी राष्ट्र तब तक विकसित नहीं हो सकता, जब तक उसके नागरिक राष्ट्रवाद के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध न हों।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय परिवर्तन की नींव पांच शक्तिशाली स्तंभों अर्थात सामाजिक सद्भाव, पारिवारिक प्रबोधन, पर्यावरण चेतना, स्वदेशी और नागरिक कर्तव्यों पर टिकी हुई है। पंचप्राण पर धनखड़ ने कहा कि विविधता को राष्ट्रीय एकता में बदलने वाली सामाजिक समरसता सबसे महत्वपूर्ण है। जमीनी स्तर पर देशभक्ति के मूल्यों का पोषण हमारे परिवारों के भीतर प्रबुद्धता से शुरू होना चाहिए।