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उपराष्ट्रपति ने नए आपराधिक कानूनों पर चिदंबरम के बयान पर जताई आपत्ति​​​​​​​

 
  उपराष्ट्रपति ने नए आपराधिक कानूनों पर चिदंबरम के बयान पर जताई आपत्ति​​​​​​​
नई दिल्ली, 06 जुलाई  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को तीन नए आपराधिक कानूनों पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के विवादित बयान पर आपत्ति जताते हुए इसे अक्षम्य करार दिया। उन्होंने कांग्रेस सांसद से बयान को वापस लेने का आग्रह किया है।
केरल के तिरुवनंतपुरम में आज भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) के 12वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि आज सुबह जब मैंने अखबार पढ़ा, तो एक जानकार व्यक्ति जो इस देश का वित्त मंत्री रहा है, लंबे समय तक सांसद रहा है और वर्तमान में राज्यसभा का सदस्य है, उसने मुझे चौंका दिया। क्योंकि मुझे बहुत गर्व था कि इस संसद ने एक महान काम किया है। इसने तीन ऐसे कानून बनाकर हमें औपनिवेशिक विरासत से मुक्त किया है जो युगांतकारी हैं। दंड विधान से हम न्याय विधान तक पहुंच गए हैं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने नाम लिए बिना वरिष्ठ सांसद और पूर्व वित्त मंत्री की उस टिप्पणी की निंदा की, जिसमें सांसद ने कहा था कि नए कानून अंशकालिक लोगों द्वारा बनाए गए हैं। उनके शब्दों को संसद की बुद्धिमत्ता का अक्षम्य अपमान बताते हुए उपराष्ट्रपति ने सवाल किया कि क्या हम संसद में अंशकालिक लोग हैं?
वरिष्ठ सांसद द्वारा एक अंग्रेजी दैनिक को दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि मेरे पास इस तरह के बयान की निंदा करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं। संसद के एक सदस्य को पार्ट टाइमर के रूप में लेबल किया जाना, आखिरकार यह संसद ही है जो कानून बनाने का अंतिम स्रोत है।
चिदंबरम का नाम लिये बिना उपराष्ट्रपति ने उनसे संसद सदस्यों के प्रति उनकी अपमानजनक, बदनामीपूर्ण और अत्यधिक अपमानजनक टिप्पणियों को वापस लेने की अपील करते हुए उन्होंने वरिष्ठ सांसद से अपनी अंतरात्मा के प्रति जवाबदेह होने को कहा।
धनखड़ ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमें सावधान रहना चाहिए, जब जानकार लोग जानबूझकर आपको गुमराह कर रहे हों। उन्होंने कहा कि अगर आप कुछ अलग कहते हैं, जिस पर आपको विश्वास नहीं है, तो हर कोई आप पर विश्वास करेगा, क्योंकि आप ऊंचे पद पर हैं।