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यूसीसी से किसी धर्म को खतरा नहीं, जन्म से मरण तक परंपराएं रहेंगी सुरक्षित: इंद्रेश

समान नागरिक संहिता के समर्थन में दक्षिण के मुस्लिम 
 
यूसीसी से किसी धर्म को खतरा नहीं, जन्म से मरण तक परंपराएं रहेंगी सुरक्षित: इंद्रेश 
कोयंबटूर, 17 जुलाई। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार इन दिनों तमिलनाडु की यात्रा पर हैं। वे वहां मुस्लिम समुदायों के बीच समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में फैलाए जा रहे भ्रम को दूर करने के लिए निरंतर सभाएं व संवाद कर रहे हैं। कोयंबटूर में ऐसी ही एक सभा में उन्होंने कहा कि एक देश, एक झंडा, एक नागरिकता, एक विधान से किसी को कोई नुकसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान में जितनी भी विविधता है, चाहे वह धार्मिक, जातिगत या सांस्कृतिक हों, वह सभी पूरी तरह से सुरक्षित हैं और समान नागरिक संहिता के लागू होने से इन पर कोई फर्क पड़ेगा।

इंद्रेश कुमार ने लोगों को समझाते हुए कहा कि यूसीसी लागू होने से सभी धर्मों के जन्म, जीवन, जलाने अथवा विवाह के किसी भी परंपरा को कोई नुकसान या हानि नहीं होगी। जैसे जो धर्म अपनी परंपराएं निभाता है, वो आगे भी निभाएगा। यह कोरी बकवास है कि हर धर्म के लोगों को जलाया जाएगा, दफनाया नहीं जायेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जहां निकाह होता है वहां निकाह की ही परंपरा रहेगी और जहां सात फेरे लेने की परंपरा है वह अपनी जगह रहेगी। कॉमन सिविल कोड से इनमें कोई परिवर्तन नहीं आएगा।

जिस मंच से इंद्रेश कुमार ने लोगों को संबोधित किया उस समारोह में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं और पुरुष मौजूद थे। वहां उपस्थित मुस्लिम महिलाओं, पुरुषों तथा समाज के अन्य बुद्धिजीवियों ने हाथ उठाकर यह संकल्प लिया कि वे सभी सरकार और विधि आयोग के कदमों का स्वागत करते हुए यूसीसी कानून के लाए जाने के पक्ष में हैं । बैठक की अध्यक्षता मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने की। उनके साथ राष्ट्रीय संयोजक विराग पाचपोर, शाहिद अख्तर, गिरीश जुयाल समेत अनेक गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

दरअसल, यूसीसी को लेकर सुझाव, विरोध और समर्थन को लेकर अनेक संगठनों, संस्थानों, दलों, नेताओं और समुदायों के बीच महीने भर से जद्दोजहद जारी है। हर कोई अपने अपने हिसाब से विरोध और समर्थन का दांव आजमा रहा है। जमीअत उलेमा हिंद जैसे कई संगठन "क्यू आर" कोड के जरिए समर्थन जुटाकर इसका विरोध कर रहे हैं तो देश की एकमात्र राष्ट्रवादी मुस्लिम संगठन होने का दावा करने वाला मुस्लिम राष्ट्रीय मंच खुलकर समर्थन करने के साथ ही जनजागरण अभियान चला रहा है। साथ ही साथ लाखों के तादाद में समर्थन भी विधि आयोग तक जुटाने में जुटा है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने भी अपना "क्यू आर" कोड कानून के समर्थन में जारी किया हुआ है।

मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा यूसीसी के पक्ष में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान पिछले कुछ साल से चल रहा है और देखा जाए तो अब तक देशभर में छोटे बड़े 10 हजार से अधिक कार्यक्रम इस पर आयोजित हो चुके हैं। लोगों के भ्रम को दूर करने में मंच महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि देश की एकता-अखंडता के लिए मिलजुलकर रहने का आह्वान हर तरफ से होना चाहिए। एक देश, एक कानून की मांग का मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने पूर्ण समर्थन किया है और इस संबंध में मंच का मानना है कि जो पार्टियां मुस्लिमों को भड़का रही हैं, उनसे देश के मुसलमानों को सावधान रहना चाहिए।