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सुप्रीम कोर्ट ने आप-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया

 
 सुप्रीम कोर्ट ने आप-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया
 चंडीगढ, 20 फरवरी। चंडीगढ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने आप-कांग्रेस के कैंडिडेट कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित कर दिया। कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को नोटिस दिया है। कोर्ट ने कहा कि अफसर ने अदालत में झूठ बोला। केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की दोबारा गिनती की जाए। अनिल मसीह ने जिन 8 बैलट्स पर निशान लगाए थे, उन सभी को वैध माना जाए। सभी बैलट्स की गितनी के आधार पर जीतने वाले कैंडिडेट का फैसला हो। कोर्ट के अनुसार नियमों के मुताबिक, वोटिंग के वक्त हर मेंबर को बैलट पेपर के दाहिनी ओर उस कैंडिडेट के सामने क्रॉस का निशान लगाना था, जिसे वो मेयर चुनना चाहते हैं। पूरा मामला 8 बैलट पेपर्स का है, जिन्हें अवैध करार दिया गया। इन सभी 8 बैलट में आप कैंडिडेट का नाम ऊपरी हिस्से में और भाजपा कैंडिडेट का नाम नीचे था। जांच के बाद पता चला कि इन बैलट पेपर्स में आप कैंडिडेट के पक्ष में वोट दिया गया था। चुनाव अधिकारी मसीह ने इन पर स्याही से निशान लगाया। चुनाव अधिकारी ने जानबूझकर 8 बैलट पेपर को खराब करने का काम किया। कोई भी बैलट खराब नहीं था। अपनी हरकत से उन्होंने (अनिल मसीह) मेयर इलेक्शन के नतीजों को बदल दिया। उन्होंने कोर्ट में लगातार झूठ बोला, जिसके लिए वो जिम्मेदार हैं। चंडीगढ मेयर चुनाव में सुप्रीम कोर्ट के कडे रुख को देखते हुए बीजेपी से मेयर चुने गए मनोज सोनकर ने रविवार रात इस्तीफा दे दिया था। वह निगम कमिश्नर के घर गए, जहां इस्तीफा सौंपा। 
चंडीगढ़ में 30 जनवरी को मेयर का चुनाव हुआ था। इसमें पहली बार इंडिया गठबंधन के तहत आप और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें एक सांसद और 35 पार्षदों ने वोटिंग की। वोटिंग के बाद चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने रिजल्ट की घोषणा की। इसमें भाजपा के कैंडिडेट मनोज सोनकर को 16 वोट मिले थे। जिनमें 14 बीजेपी के पार्षद, एक चंडीगढ़ से बीजेपी की सांसद किरण खेर और एक वोट अकाली दल का शामिल था। वहीं आम आदमी पार्टी के 13 पार्षद और कांग्रेस के 7 पार्षदों ने वोटिंग की थी। मगर गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को सिर्फ 12 ही वोट मिले।