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पलभर में होगा दुश्मन का खात्मा, पहला स्वदेशी ड्रोन तापस रखेगा सीमा पर नजर

स्वदेशी तापस यूएवी ने 20 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरकर दिखाई अपनी क्षमता 
 
पलभर में होगा दुश्मन का खात्मा, पहला स्वदेशी ड्रोन तापस रखेगा सीमा पर नजर  
नई दिल्ली, 18 जून। डीआरडीओ और भारतीय नौसेना की टीम ने स्वदेशी तापस ड्रोन की कमांड और नियंत्रण क्षमताओं का सफल प्रदर्शन किया है। कारवार नौसैनिक अड्डे से 148 किमी दूर आईएनएस सुभद्रा पर एक दूरस्थ ग्राउंड स्टेशन से किये गए प्रदर्शन में यूएवी ने निर्बाध रूप से 20 हजार फीट की ऊंचाई के आसपास उड़ान भरी। आईएनएस सुभद्रा ने 3.30 घंटे की उड़ान अवधि के दौरान 40 मिनट के लिए यूएवी संचालन को नियंत्रित किया। तापस ड्रोन केवल सीमाओं पर निगरानी रखने ही नहीं, बल्कि दुश्मनों पर हमला करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जा सकता है।

डीआरडीओ ने रविवार को एक बयान में बताया कि भारतीय नौसेना की टीम के साथ यह प्रदर्शन 16 जून को किया गया। स्वदेशी ड्रोन तापस ने 07.35 बजे कारवार नौसैनिक अड्डे से 285 किमी दूर एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज (एटीआर), चित्रदुर्ग से उड़ान भरी। यह प्रदर्शन कारवार नौसैनिक अड्डे से 148 किमी दूर आईएनएस सुभद्रा पर एक दूरस्थ ग्राउंड स्टेशन से किया गया। इसका मकसद तापस यूएवी की कमांड और नियंत्रण क्षमताओं को स्थानांतरित करना था। यूएवी ने 20 हजार फीट की ऊंचाई के आसपास उड़ान भरने का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया। आईएनएस सुभद्रा ने 3.30 घंटे की उड़ान के दौरान 40 मिनट के लिए यूएवी संचालन को नियंत्रित किया।

डीआरडीओ के अधिकारियों का कहना है कि स्वदेशी यूएवी को नियंत्रित करने के लिए आईएनएस सुभद्रा में एक ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) और दो शिप डेटा टर्मिनल (एसडीटी) स्थापित किए गए थे। परीक्षण के बाद तापस एटीआर में वापस उतरा। तापस ड्रोन की 30 हजार फीट की ऊंचाई से मारक क्षमता 250 किमी है और यह दिन और रात के मिशन में सक्षम है। यह 350 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकता है। इसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए खुफिया, निगरानी, टोही मिशन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अपने मिशन के दौरान विस्तृत क्षेत्र में छोटे लक्ष्यों की पहचान करके उन्हें मार गिराने में सक्षम है।

तापस का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (टीएपीएएस) है। यह एक मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस ड्रोन है, जो अमेरिका के एमक्यू-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है। तापस अपने आप ही टेक ऑफ और लैंड करने की क्षमता रखने वाला ड्रोन है। इसे पहले रुस्तम-2 के नाम से पुकारा जाता था, जिसकी अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रति घंटा थी। 20.6 मीटर के विंग स्पैन वाला ड्रोन लगातार 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। यह 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है।