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बिहार में विपक्षी एकता की बैठक में अरविंद केजरीवाल के शामिल होने पर संशय

 
 बिहार में विपक्षी एकता की बैठक में अरविंद केजरीवाल के शामिल होने पर संशय
पटना, 3 जून। बिहार में 12 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल होने पर संशय है।

दरअसल, कांग्रेस और आप के राजनैतिक संबंध कुछ वर्षों से अच्छे नहीं है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेकर केजरीवाल अक्सर मुखर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस भी अरविंद केजरीवाल को लेकर सहज महसूस नहीं करती। देखा जाए तो दिल्ली और पंजाब विधानसभा चुनाव दोनों ही जगहों पर आप ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है। ऐसे में विपक्षी एकता में दोनों का एक साथ खड़ा होना संशय का ही विषय माना जा रहा है। हालांकि, विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने के लिए अब तक अरविंद केजरीवाल का समर्थन भी नहीं मिला है।

कांग्रेस का मानना है कि विपक्षी दल यदि विपक्ष की एकता के समर्थन में खड़ा नहीं होते तो उसे कांग्रेस और अन्य दल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थक ही मानेगी। बिहार कांग्रेस प्रदेश के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए जो लोग साथ आएंगे उन्हें विपक्षी एकता का साथ ही माना जाएगा। जो लोग साथ नहीं आएंगे वह अप्रत्यक्ष रूप से या प्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन करने वाले कहे जाएंगे।

इन सबके बीच राजनीति जानकारों का मानना है कि ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बाद अब अरविंद केजरीवाल भी 12 जून को पटना में विपक्षी एकता बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं।