जामिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने वाले छात्रों के निलंबन पर अगले आदेश तक रोक
Mar 4, 2025, 19:32 IST

नई दिल्ली, 04 मार्च दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करने वाले छात्रों के निलंबन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन नागरिक समाज के बुनियादी सिद्धांतों और मानदंडों को विकसित करने के लिए ट्रेनिंग का एक हिस्सा है। मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।
कोर्ट ने कहा कि जामिया विश्वविद्यालय ने छात्रों के प्रदर्शन को जिस तरीके से लिया है, वो चिंता का विषय है। कोर्ट ने जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहा कि आप छात्रों को सावधानी से हैंडल करें। कोर्ट ने कहा कि वो ये नहीं देख रही है कि प्रदर्शन की वजह क्या थी, बल्कि तथ्यों से पता चलता है कि ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। हाई कोर्ट ने निलंबित छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक शांति कमेटी के गठन का आदेश दिया। शांति कमेटी में यूनिवर्सिटी के अधिकारी शामिल होंगे और उस कमेटी का सुपरविजन यूनिवर्सिटी की कुलपति करेंगी। ये कमेटी स्थिति को नियंत्रित करने और यूनिवर्सिटी में शांति स्थापित करने का काम करेंगी। इस प्रक्रिया में शांति कमेटी छात्रों के प्रतिनिधियों को भी शामिल करेगी। कोर्ट ने इस मामले पर एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
जामिया यूनिवर्सिटी के सात छात्र-छात्राओं ने दायर याचिका में कहा है कि उन्हें निलंबित करने से पहले उनका पक्ष भी नहीं सुना गया। एक छात्र की ओर से कहा गया कि यूनिवर्सिटी की ओर से निलंबित किए जाने से उसकी पढ़ाई और करियर पर असर पड़ा है। एक छात्र ने कहा कि वो प्रदर्शन का हिस्सा भी नहीं था और वो एक दर्शक की तरह मौके पर गया था और अपने क्लास में लौट आया था। जामिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली पुलिस की ओर से कैंपस में घुसकर कथित हमले का विरोध करने के लिए 10 फरवरी को छात्रों ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के बाद कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लेकर करीब 12 घंटे बाद छोड़ा था।
कोर्ट ने कहा कि जामिया विश्वविद्यालय ने छात्रों के प्रदर्शन को जिस तरीके से लिया है, वो चिंता का विषय है। कोर्ट ने जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन से कहा कि आप छात्रों को सावधानी से हैंडल करें। कोर्ट ने कहा कि वो ये नहीं देख रही है कि प्रदर्शन की वजह क्या थी, बल्कि तथ्यों से पता चलता है कि ये प्रदर्शन शांतिपूर्ण था। हाई कोर्ट ने निलंबित छात्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए एक शांति कमेटी के गठन का आदेश दिया। शांति कमेटी में यूनिवर्सिटी के अधिकारी शामिल होंगे और उस कमेटी का सुपरविजन यूनिवर्सिटी की कुलपति करेंगी। ये कमेटी स्थिति को नियंत्रित करने और यूनिवर्सिटी में शांति स्थापित करने का काम करेंगी। इस प्रक्रिया में शांति कमेटी छात्रों के प्रतिनिधियों को भी शामिल करेगी। कोर्ट ने इस मामले पर एक हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
जामिया यूनिवर्सिटी के सात छात्र-छात्राओं ने दायर याचिका में कहा है कि उन्हें निलंबित करने से पहले उनका पक्ष भी नहीं सुना गया। एक छात्र की ओर से कहा गया कि यूनिवर्सिटी की ओर से निलंबित किए जाने से उसकी पढ़ाई और करियर पर असर पड़ा है। एक छात्र ने कहा कि वो प्रदर्शन का हिस्सा भी नहीं था और वो एक दर्शक की तरह मौके पर गया था और अपने क्लास में लौट आया था। जामिया यूनिवर्सिटी में 15 दिसंबर, 2019 को दिल्ली पुलिस की ओर से कैंपस में घुसकर कथित हमले का विरोध करने के लिए 10 फरवरी को छात्रों ने प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के बाद कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लेकर करीब 12 घंटे बाद छोड़ा था।