सुप्रीम कोर्ट ने पलटा मद्रास हाई कोर्ट का फैसला, चाइल्ड पोर्नोग्राफी डाउनलोड करना, देखना या पास रखना अपराध
Sep 23, 2024, 13:21 IST
नई दिल्ली, 23 सितंबर सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्री डाउनलोड करना, देखना या उसे अपने पास रखना अपराध है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस संबंध में मद्रास हाई कोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि वह पॉक्सो एक्ट में बदलाव कर चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द की जगह child sexually abusive and exploitative material (CSAEM) लिखे।
मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को सिर्फ डाउनलोड करना या फिर उसे देखना पॉक्सो एक्ट या आईटी एक्ट के तहत अपराध के दायरे में नहीं आता। हाई कोर्ट ने इसी आधार पर अपने मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट रखने के आरोपित के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था। बच्चों के अधिकार के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि वह पॉक्सो एक्ट में बदलाव कर चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द की जगह child sexually abusive and exploitative material (CSAEM) लिखे।
मद्रास हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट को सिर्फ डाउनलोड करना या फिर उसे देखना पॉक्सो एक्ट या आईटी एक्ट के तहत अपराध के दायरे में नहीं आता। हाई कोर्ट ने इसी आधार पर अपने मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़े कंटेंट रखने के आरोपित के खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया था। बच्चों के अधिकार के लिए काम करने वाली कई संस्थाओं ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।