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सुप्रीम कोर्ट उम्रकैद की सजा अवधि पर सुनवाई करने को तैयार, दिल्ली सरकार को नोटिस

 
 सुप्रीम कोर्ट उम्रकैद की सजा अवधि पर सुनवाई करने को तैयार, दिल्ली सरकार को नोटिस
नई दिल्ली, 09 फरवरी  सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा का मतलब जीवन भर या उससे कम के सवाल पर सुनवाई करने का फैसला किया है। जस्टिस ऋषिकेश राय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।
यह याचिका सीरियल किलर चंद्रकांत झा ने दायर की है। चंद्रकांत झा 2003 से लेकर 2007 तक छह हत्याओं का दोषी है। चंद्रकांत झा पर आरोप था कि वो तिहाड़ जेल के बाहर सिरकटी लाशें फेंककर पुलिस को पकड़ने की चुनौती देता था। इस मामले में चंद्रकांत झा को ट्रायल कोर्ट से उम्रकैद की सजा मिली है। उम्रकैद की सजा पर मुहर लगाते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि चंद्रकांत झा को वास्तविक मौत होने तक हिरासत में रखा जाए।
चंद्रकांत झा की ओर से पेश वकील ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मौत की सजा या उम्रकैद की सजा का प्रावधान है। विधायिका ने धारा 302 के प्रावधान में कोई संशोधन नहीं किया है या कहा है कि उम्रकैद का मतलब वास्तविक मौत तक कैद। ऐसे में वास्तविक मौत होने तक हिरासत में रखने का आदेश गैरकानूनी है