जेल में गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
सीजेआई की बेंच ने केंद्र सरकार के साथ-साथ राजस्थान और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया
Aug 30, 2024, 20:07 IST
नई दिल्ली, 30 अगस्त सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का जेल में इंटरव्यू लेने वाले एक न्यूज चैनल के पत्रकार के खिलाफ कोई भी निरोधात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार के साथ साथ राजस्थान और पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है।
आज पत्रकार जगविंदर पटियाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर खुलासा करने वाले पत्रकार नहीं होंगे तो सिस्टम की गड़बडी का खुलासा कैसे होगा। कोर्ट ने कहा कि जेल के अंदर इंटरव्यू लेना सुरक्षा के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता था और ये जेल नियमों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि क्या आप ऐसा कर सकते हैं। तब रोहतगी ने कहा कि आप उस मैसेंजर को मारना चाहते हैं, जो ग़लत का खुलासा कर रहा हो। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र, पंजाब और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया।
दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट जेलों में मोबाइल पाये जाने के मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा था। इसकी जांच के लिए हाई कोर्ट ने एक एसआईटी का गठन किया था। हाई कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि 3 और 4 सितंबर की दरम्यानी रात को लॉरेंस विश्नोई का इंटरव्यू तब लिया गया था, जब वो पंजाब के करार में क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के परिसर में मौजूद था। विश्नोई का दूसरा इंटरव्यू राजस्थान में लिया गया था। विश्नोई के इंटरव्यू में उसकी आपराधिक गतिविधियों का बचाव किया गया था। विश्नोई ने टीवी इंटरव्यू की एसआईटी जांच पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने विश्नोई की याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद संबंधित न्यूज चैनल और पत्रकार ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
आज पत्रकार जगविंदर पटियाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर खुलासा करने वाले पत्रकार नहीं होंगे तो सिस्टम की गड़बडी का खुलासा कैसे होगा। कोर्ट ने कहा कि जेल के अंदर इंटरव्यू लेना सुरक्षा के लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकता था और ये जेल नियमों का उल्लंघन है। कोर्ट ने कहा कि क्या आप ऐसा कर सकते हैं। तब रोहतगी ने कहा कि आप उस मैसेंजर को मारना चाहते हैं, जो ग़लत का खुलासा कर रहा हो। उसके बाद कोर्ट ने केंद्र, पंजाब और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया।
दरअसल, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट जेलों में मोबाइल पाये जाने के मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा था। इसकी जांच के लिए हाई कोर्ट ने एक एसआईटी का गठन किया था। हाई कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि 3 और 4 सितंबर की दरम्यानी रात को लॉरेंस विश्नोई का इंटरव्यू तब लिया गया था, जब वो पंजाब के करार में क्राइम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के परिसर में मौजूद था। विश्नोई का दूसरा इंटरव्यू राजस्थान में लिया गया था। विश्नोई के इंटरव्यू में उसकी आपराधिक गतिविधियों का बचाव किया गया था। विश्नोई ने टीवी इंटरव्यू की एसआईटी जांच पर रोक लगाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने विश्नोई की याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद संबंधित न्यूज चैनल और पत्रकार ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।