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सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को अवमानना का नोटिस थमाया

 
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को अवमानना का नोटिस थमाया
 नई दिल्ली, 27 फरवरी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को अपने औषधीय उत्पादों का विज्ञापन करने से रोक दिया और नवंबर के आदेश का उल्लंघन करने के लिए इसके प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया। हम रामदेव और आचार्य बालकृष्णन को कारण बताने के लिए नोटिस जारी करते हैं। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए। एलडी वकील उनकी ओर से नोटिस स्वीकार कर 2 सप्ताह के भीतर उत्तर दें। शीर्ष अदालत ने कंपनी को यह भी निर्देश दिया कि वह कोई भ्रामक विज्ञापन जारी न करे या एलोपैथी के प्रतिकूल बयान न दे। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि प्रतिवादियों को अगले आदेश तक नियमों के अनुसार बीमारियों/बीमारियों के इलाज के रूप में निर्दिष्ट उनके विपणन किए गए औषधीय उत्पादों के विज्ञापन और ब्रांडिंग से रोका जाता है। उन्हें प्रिंट या अन्य मीडिया में किसी भी रूप में किसी भी चिकित्सा प्रणाली के प्रतिकूल कोई भी बयान देने से सावधान किया जाता है। यह याचिका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर की गई थी, जिसमें सभी बीमारियों का इलाज करने का दावा करने वाले और एलोपैथिक दवाओं की प्रभावकारिता पर संदेह करके डॉक्टरों को बदनाम करने वाले सभी भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ आदेश देने की मांग की गई थी।