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सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी सांसदों व विधायकों के डिजिटल मॉनिटरिंग की मांग, याचिका खारिज

याचिकाकर्ता को भविष्य में ऐसी याचिका दाखिल न करने की हिदायत
 
  सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी सांसदों व विधायकों के डिजिटल मॉनिटरिंग की मांग, याचिका खारिज
नई दिल्ली, 01 मार्च  सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों की डिजिटल मॉनिटरिंग करने की मांग खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि किसी भी सांसद और विधायक को कैसे डिजिटल मॉनीटर कर सकते हैं, आखिर उन्हें भी निजता का अधिकार है।
मामले की सुनवाई से पहले ही याचिका दाखिल करने वाले सुरेंद्र नाथ कुंद्रा से कोर्ट ने कहा कि दलील को सुनने के बाद अगर मांग पर सहमत नहीं हुए तो आप पर पांच लाख का जुर्माना लगाएंगे। इसके बाद याचिकाकर्ता तैयार हुआ और अपनी दलील दी। याचिकाकर्ता ने कहा कि सभी विधायक और सांसद लोकसेवक हैं और वे जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत जीत कर आते हैं लेकिन वे एक शासक की तरह व्यवहार करते हैं।
चीफ जस्टिस ने दलील सुनने के बाद कहा कि क्या हम सांसदों और विधायकों के हाथ-पैरों पर चिप लगा दें। कोर्ट ने कहा कि सांसदों और विधायकों को भी निजता का अधिकार हैं, हम उसमें दखल कैसे दे सकते हैं।कोर्ट ने कहा कि लोगों को कानून बनाने का अधिकार नहीं दे सकते हैं, क्योंकि अगर कानून बनाने का अधिकार देते हैं तो सबका अपना-अपना कानून होगा। कल को कोई भी कह सकता है कि जज के बजाय लोगों को भी मामले पर सुनवाई खुद करने दी जाए।
चीफ जस्टिस ने कहा कि जनप्रतिनिधि को ही संविधान में कानून बनाने का अधिकार दिया गया है और लोगों द्वारा उन्हें नियम के मुताबिक चुना जाता है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता सुरिन्दर नाथ कुंद्रा को भविष्य में ऐसी याचिका दाखिल न करने की हिदायत देते हुए याचिका खारिज कर दी। हालांकि जुर्माना नहीं लगाया।