सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा को एसवाईएल के समाधान के लिए केंद्र के साथ सहयोग करने का दिया निर्देश
May 6, 2025, 13:24 IST

नई दिल्ली, 6 मई सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वो इस मामले के हल के लिए केंद्र सरकार के साथ सहयोग करें। कोर्ट ने कहा कि अगर मामले का हल नहीं निकला तो कोर्ट 13 अगस्त को अगली सुनवाई करेगा।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि इस मसले के हल के लिए सरकार प्रभावी कदम उठा रही है, लेकिन राज्य सरकारों को भी इस पर बात करनी होगी। 23 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। दोनों राज्याें को मिलकर मामले का हल निकालना होगा। कोर्ट ने कहा था कि आखिरकार दोनों इसी देश के ही राज्य हैं। दोनों राज्य बैठक कर मामले का हल निकालें। साथ ही केंद्र को भी इस मुद्दे पर मध्यस्थ के तौर पर सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया था। 10 नवंबर 2016 सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि पंजाब जल बंटवारे पर एकतरफा संधि निरस्त नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निर्माण कार्य जारी रहेगा।
एसवाईएल नहर से जल बंटवारे के विवाद पर 2004 में राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई सलाह पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि पंजाब हरियाणा से जल बंटवारे पर एकतरफा संधि निरस्त नहीं कर सकता। कोर्ट ने पंजाब विधानसभा द्वारा संधि निरस्त करने के प्रस्ताव को भी सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी करार दिया था।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि इस मसले के हल के लिए सरकार प्रभावी कदम उठा रही है, लेकिन राज्य सरकारों को भी इस पर बात करनी होगी। 23 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्य सरकारों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते हैं। दोनों राज्याें को मिलकर मामले का हल निकालना होगा। कोर्ट ने कहा था कि आखिरकार दोनों इसी देश के ही राज्य हैं। दोनों राज्य बैठक कर मामले का हल निकालें। साथ ही केंद्र को भी इस मुद्दे पर मध्यस्थ के तौर पर सक्रिय भूमिका निभाने का निर्देश दिया था। 10 नवंबर 2016 सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि पंजाब जल बंटवारे पर एकतरफा संधि निरस्त नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निर्माण कार्य जारी रहेगा।
एसवाईएल नहर से जल बंटवारे के विवाद पर 2004 में राष्ट्रपति द्वारा सुप्रीम कोर्ट से मांगी गई सलाह पर पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि पंजाब हरियाणा से जल बंटवारे पर एकतरफा संधि निरस्त नहीं कर सकता। कोर्ट ने पंजाब विधानसभा द्वारा संधि निरस्त करने के प्रस्ताव को भी सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी करार दिया था।