पाकिस्तानी विस्थापितों के इलाक़े आनन्दगढ़ निवासी दुश्मन से दो-दो हाथ करने के लिए हर पल तैयार
Apr 30, 2025, 14:47 IST

बीकानेर, 30 अप्रैल संभाग के खाजूवाला के पास सीमावर्ती गांव आनंदगढ़ जाे भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है, इस इलाके में अधिकतर पाकिस्तानी विस्थापित रहते हैं। यहां के 75 फ़ीसदी निवासी पाक विस्थापित हैं, लेकिन हमेशा से हिंदुस्तान के जज़्बे की मिसाल बने हुए हैं। सरहद तो यहां से बहुत नज़दीक है, लेकिन लोगों के दिलों में कोई ख़ौफ़ नहीं है।
सरहद से महज़ पांच किलोमीटर दूर है बीकानेर सम्भाग का सीमावर्ती खाजूवाला के पास बसे गांव आनन्दगढ़। थोड़ी ही दूर जाने पर इंटरनेशनल सीमा की तारबन्दी नज़र आती है। साल 1971 में पाकिस्तान से आए हुए लोग यहां के स्थायी निवासी बन चुके हैं। आये दिन वे पाकिस्तान की कभी शान्त ना होने वाली नापाक हरकत देखते रहते हैं। लेकिन इस गांव के लोग न सिर्फ़ जागरूक हैं, बल्कि दुश्मन से दो-दो हाथ करने के लिए हर पल तैयार हैं।
गांव की चौपाल में बैठे हुए अपने बीते हुए दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि किस तरह से उन्हें सन 1971 में अपनी जन्मभूमि छोड़ कर आना पड़ा। जिस्म पर पहने हुए कपड़ों के अलावा वे अपने साथ कुछ नहीं ला पाए। उनमें से एक कुन्दन सिंह बताते हैं कि ये पूरा एरिया निर्जन था, जिसे पाक से आए हिन्दुओं ने आबाद किया।
आनन्दगढ़ के लोग बताते हैं कि पाकिस्तान जिसे उन्होंने अपना मुल्क समझा, उसी ने उनके साथ हमेशा दुश्मनी का व्यवहार किया। इसी वजह से इज़्ज़त की ज़िन्दगी जीने के लिए हिंदुस्तान आना पड़ा। वैसे भी हमारा अपना देश तो भारत ही है। पाक दुश्मन देश है और अगर दुश्मन आंख उठाएगा तो हम उसे जवाब देंगे। हम हिन्दुस्तानी हैं, हमने डरना नहीं सीखा।
सरहद से महज़ पांच किलोमीटर दूर है बीकानेर सम्भाग का सीमावर्ती खाजूवाला के पास बसे गांव आनन्दगढ़। थोड़ी ही दूर जाने पर इंटरनेशनल सीमा की तारबन्दी नज़र आती है। साल 1971 में पाकिस्तान से आए हुए लोग यहां के स्थायी निवासी बन चुके हैं। आये दिन वे पाकिस्तान की कभी शान्त ना होने वाली नापाक हरकत देखते रहते हैं। लेकिन इस गांव के लोग न सिर्फ़ जागरूक हैं, बल्कि दुश्मन से दो-दो हाथ करने के लिए हर पल तैयार हैं।
गांव की चौपाल में बैठे हुए अपने बीते हुए दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि किस तरह से उन्हें सन 1971 में अपनी जन्मभूमि छोड़ कर आना पड़ा। जिस्म पर पहने हुए कपड़ों के अलावा वे अपने साथ कुछ नहीं ला पाए। उनमें से एक कुन्दन सिंह बताते हैं कि ये पूरा एरिया निर्जन था, जिसे पाक से आए हिन्दुओं ने आबाद किया।
आनन्दगढ़ के लोग बताते हैं कि पाकिस्तान जिसे उन्होंने अपना मुल्क समझा, उसी ने उनके साथ हमेशा दुश्मनी का व्यवहार किया। इसी वजह से इज़्ज़त की ज़िन्दगी जीने के लिए हिंदुस्तान आना पड़ा। वैसे भी हमारा अपना देश तो भारत ही है। पाक दुश्मन देश है और अगर दुश्मन आंख उठाएगा तो हम उसे जवाब देंगे। हम हिन्दुस्तानी हैं, हमने डरना नहीं सीखा।