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प्रसिद्ध साहित्यकार एवं संगीतकार बीरेंद्र नाथ दत्ता का निधन​​​​​​​

 
 प्रसिद्ध साहित्यकार एवं संगीतकार बीरेंद्र नाथ दत्ता का निधन
गुवाहाटी, 23 अक्टूबर  प्रख्यात साहित्यकार, शिक्षाविद् और संगीतकार डॉ. बीरेंद्र नाथ दत्ता का सोमवार सुबह दिसपुर पॉलीक्लिनिक अस्पताल में निधन हो गया। लोक संस्कृति के इस संत का लंबे समय तक इलाज कराने के बाद सोमवार सुबह करीब सात बजे 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
लोकप्रिय गायक बीरेंद्र नाथ दत्ता का जन्म 1935 में हुआ था। प्रख्यात शिक्षाविद् गुवाहाटी विश्वविद्यालय के लोक संस्कृति विभाग के विभाग प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए और वर्ष 2000 में तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पारंपरिक संस्कृति और कला विभाग के संस्थापक प्रोफेसर के रूप में पदभार ग्रहण करते हुए सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने असमिया और अंग्रेजी में लगभग 23 की किताबें लिखी और संपादित की।
असमिया साहित्य में बीरेंद्र नाथ दत्ता का अविस्मरणीय योगदान भी रहा। उनकी कुछ उल्लेखनीय रचनाएं ''ग्वालपारिया लोक गीत संग्रह'' (1974), ''असमिया संगीत की विरासत'' (1977), "व्यक्तिगत संस्कृति आदि" (1985), भाषा और साहित्य की जलंगीदी (1988) हैं।
वे वर्ष 2003 से 2004 के लिए असम साहित्य सभा के अध्यक्ष भी रहे। असम साहित्य सभा द्वारा प्रकाशित ''विश्व कोषर विश्व साहित्य'' के संपादक भी रहे। वर्ष 2000 में उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला था।