हाथरस पीड़ितों को मिले अधिक मुआवजा, राहुल ने योगी को लिखा पत्र
Jul 7, 2024, 20:02 IST
नई दिल्ली, 07 जुलाई रायबरेली से कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर हाथरस हादसे के पीड़ितों को मिलने वाले मुआवजे में बढ़ोतरी का अनुरोध किया है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल ने अपने पत्र में हाथरस पीड़ितों से मुलाकात और उनसे हुई बातचीत का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपनों को खोया है, उनकी पूर्ति करना संभव नहीं है लेकिन हम उनकी हर संभव सहायता कर अपना फर्ज निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो मुआवजा घोषित किया गया है, वह बहुत अपर्याप्त है। मेरा आग्रह है कि मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए और उसे जल्द से जल्द दिया जाए। साथ ही साथ घायलों का समुचित इलाज कराया जाए और उन्हें भी उचित मुआवजा दिया जाए।”
राहुल गांधी ने कहा है कि हादसे में प्रशासन की लापरवाही दिखाई दी है। इस पर उचित एवं पारदर्शी तरीके से कार्रवाई कर आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार वहां के स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता है। इस मामले में उचित एवं पारदर्शी जांच न सिर्फ आने वाले समय में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने की तरफ एक सही कदम होगा, बल्कि इससे इन पीड़ित परिवारों के मन में न्याय-व्यवस्था के प्रति विश्वास भी पुनर्स्थापित होगा। न्याय की दृष्टि से यह भी आवश्यक है कि दोषी व्यक्तियों को कठोर सजा दी जाए।
नेता प्रतिपक्ष राहुल ने अपने पत्र में हाथरस पीड़ितों से मुलाकात और उनसे हुई बातचीत का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने अपनों को खोया है, उनकी पूर्ति करना संभव नहीं है लेकिन हम उनकी हर संभव सहायता कर अपना फर्ज निभा सकते हैं।
उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो मुआवजा घोषित किया गया है, वह बहुत अपर्याप्त है। मेरा आग्रह है कि मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए और उसे जल्द से जल्द दिया जाए। साथ ही साथ घायलों का समुचित इलाज कराया जाए और उन्हें भी उचित मुआवजा दिया जाए।”
राहुल गांधी ने कहा है कि हादसे में प्रशासन की लापरवाही दिखाई दी है। इस पर उचित एवं पारदर्शी तरीके से कार्रवाई कर आगे इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि हादसे के लिए जिम्मेदार वहां के स्थानीय प्रशासन की लापरवाही और संवेदनहीनता है। इस मामले में उचित एवं पारदर्शी जांच न सिर्फ आने वाले समय में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने की तरफ एक सही कदम होगा, बल्कि इससे इन पीड़ित परिवारों के मन में न्याय-व्यवस्था के प्रति विश्वास भी पुनर्स्थापित होगा। न्याय की दृष्टि से यह भी आवश्यक है कि दोषी व्यक्तियों को कठोर सजा दी जाए।