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राहुल गांधी बोले- प्रधानमंत्री बताएं अडाणी से उनका क्या रिश्ता है

 
राहुल गांधी बोले- प्रधानमंत्री बताएं अडाणी से उनका क्या रिश्ता है

नई दिल्ली, 16 मार्च। लंदन में दिए गए भाषण को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि मेरे भाषण में ऐसी कोई चीज नहीं थी जो मैंने पब्लिक रिकॉर्ड से नहीं निकाली। सब कुछ यहां-वहां से जुटाया था। यह पूरा मामला डिस्ट्रैक्ट करने का है। दरअसल, प्रधानमंत्री अडाणी के मुद्दे से डरे हुए हैं। वे बताएं कि अडाणी से उनका क्या रिश्ता है। राहुल गांधी ने यह सारी बातें प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं। साथ ही कहा कि लंदन में दिए गए भाषण के मुद्दे पर संसद में विस्तार से जवाब दूंगा। मैं सांसद हूं और संसद मेरा मंच है। राहुल ने कहा कि अडाणी को श्रीलंका, बांग्लादेश और ऑस्ट्रेलिया में ठेके मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी और ऑस्ट्रेलिया के पीएम के बीच क्या बात हुई पीएम जी उसके जवाब नहीं दे पाए। मैं लोकसभा का सदस्य हूं। मेरी जिम्मेदारी अपनी बात संसद में रखने की है। मुझे कल संसद में अगर बोलने का मौका मिलता है तो वहां मैं डिटेल में इस विषय पर अपनी बात रखूंगा। हालांकि लगता है कि वे मुझे पार्लियामेंट हाउस में बोलने नहीं देंगे।
राहुल बोले- मेरा बोलना भाजपा को पसंद नहीं
इससे पहले संसद के बाहर राहुल ने कहा था- मैंने लंदन में भारत के खिलाफ कुछ नहीं कहा था। अगर संसद में मुझे बोलने का मौका मिलेगा, तो मैं अपनी बात रखूंगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरा बोलना भाजपा को पसंद नहीं आता है। इससे पहले, गुरुवार सुबह 11 बजे संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोपहर बाद कार्यवाही शुरू होने पर एक बार फिर हंगामा होने पर दोनों ही सदन दिनभर के लिए स्थगित कर दिए गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से गुरुवार को मुलाकात की। उन्होंने लंदन के बयान पर अपना पक्ष संसद में रखने के लिए वक्त मांगा। 
राहुल गांधी कब तक झूठ बोलेंगे: भाजपा
राहुल गांधी के पीसी के बाद बीजेपी की ओर से रवि शंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राहुल गांधी कब तक देश के लोकतंत्र को और 140 करोड़ लोगों को गुमराह करते रहेंगे। विदेशों में भारतीय लोकतंत्र की आलोचना कर भारतीयों की भावनाओं का अपमान करना उनकी आदत है। बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि हम राहुल गांधी से माफी के लिए पूरे देश में अभियान चलाएंगे. निराधार बातें करना उनकी आदत हैं. न ही उन्होंने आज एक बार भी कहा कि वह अमेरिका और यूरोप के हस्तक्षेप की अपनी टिप्पणी का खंडन कर रहे हैं. राहुल गांधी को भारत की विदेश नीति के बारे में अपनी जानकारी दुरुस्त करनी चाहिए. आप इस क्षेत्र में नौसिखिए हैं, फिर भी आप बोलते हैं. राहुल गांधी देश की विदेश नीति को कितना समझते हैं इस पर भी बहस करने की जरूरत है।