उचित मुआवजा दिए बिना संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट
Jan 3, 2025, 20:23 IST
नई दिल्ली, 03 जनवरी सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संपत्ति का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि किसी को भी कानून के मुताबिक उचित मुआवजा दिए बिना उसकी संपत्ति से वंचित नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने कहा कि संपत्ति का अधिकार भले ही मौलिक अधिकार नहीं हो, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 300-ए के मुताबिक यह एक संवैधानिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को बिना उचित मुआवजे के उसे उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने यह फैसला दो दशक पहले बेंगलुरु मैसूर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन देने वाले लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जमीन मालिक न केवल मुआवजे से वंचित रहे, बल्कि उन्हें करीब 22 साल तक अपने वाजिब हक के लिए अदालतों के चक्कर काटने पड़े। इसलिए मुआवजे की रकम तब से तय नहीं की जा सकती, जब से अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
कोर्ट ने कहा कि संपत्ति का अधिकार भले ही मौलिक अधिकार नहीं हो, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 300-ए के मुताबिक यह एक संवैधानिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि किसी व्यक्ति को बिना उचित मुआवजे के उसे उसकी जमीन से बेदखल नहीं किया जा सकता है।
कोर्ट ने यह फैसला दो दशक पहले बेंगलुरु मैसूर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए अपनी जमीन देने वाले लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जमीन मालिक न केवल मुआवजे से वंचित रहे, बल्कि उन्हें करीब 22 साल तक अपने वाजिब हक के लिए अदालतों के चक्कर काटने पड़े। इसलिए मुआवजे की रकम तब से तय नहीं की जा सकती, जब से अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी।