संसद भवन पर आतंकी हमले की बरसीः राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों ने बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी
Dec 13, 2025, 14:03 IST

नई दिल्ली, 13 दिसंबर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की बरसी पर वीर बलिदानियों का श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।
13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा के 5 आतंकियों ने संसद भवन पर हमला कर दिया लेकिन भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने जान की बाजी लगाकर न केवल इन आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया बल्कि सभी को मार गिराया। इस दौरान दिल्ली पुलिस के पांच जवान, एक महिला कांस्टेबल और दो सुरक्षा गार्डों ने बलिदान दिया।
इन बलिदानियों का स्मरण करते हुए राष्ट्रपति ने एक्स पर कहा, “ राष्ट्र उन बहादुर नायकों को सलाम करता है, जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी थी। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा हमारी राष्ट्रीय भावना को प्रेरित करती रहेगी। देश उनके और उनके परिवारों का हमेशा ऋणी रहेगा। इस दिन, हम आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हैं।”
उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद पर आतंकी हमले के दौरान बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के दौरान अटूट ढाल बनकर खड़े रहने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को दिल से नमन करते हैं। उन्होंने हमारे लोकतंत्र की आत्मा की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। उनका साहस, सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति अटूट भावना हमेशा देश की चेतना में जीवित रहेगी तथा भारत के संकल्प को प्रेरित करेगी।”
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी सुरक्षा बलों के अदम्य साहस और वीरता को एक बार फिर याद करने का दिन है, जब 2001 में, सुरक्षा बलों ने अपने दृढ़ संकल्प और जज्बे से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर, हमारे संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया था। मैं उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देता हूं जो आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए शहीद हुए। यह राष्ट्र इन वीर योद्धाओं के बलिदान और शहादत का हमेशा ऋणी रहेगा।”
13 दिसंबर 2001 को जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैय्यबा के 5 आतंकियों ने संसद भवन पर हमला कर दिया लेकिन भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने जान की बाजी लगाकर न केवल इन आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया बल्कि सभी को मार गिराया। इस दौरान दिल्ली पुलिस के पांच जवान, एक महिला कांस्टेबल और दो सुरक्षा गार्डों ने बलिदान दिया।
इन बलिदानियों का स्मरण करते हुए राष्ट्रपति ने एक्स पर कहा, “ राष्ट्र उन बहादुर नायकों को सलाम करता है, जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन हमारी संसद की रक्षा करते हुए अपनी जान दे दी थी। उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा हमारी राष्ट्रीय भावना को प्रेरित करती रहेगी। देश उनके और उनके परिवारों का हमेशा ऋणी रहेगा। इस दिन, हम आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हैं।”
उप राष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद पर आतंकी हमले के दौरान बलिदान देने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले के दौरान अटूट ढाल बनकर खड़े रहने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को दिल से नमन करते हैं। उन्होंने हमारे लोकतंत्र की आत्मा की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। उनका साहस, सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति अटूट भावना हमेशा देश की चेतना में जीवित रहेगी तथा भारत के संकल्प को प्रेरित करेगी।”
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी सुरक्षा बलों के अदम्य साहस और वीरता को एक बार फिर याद करने का दिन है, जब 2001 में, सुरक्षा बलों ने अपने दृढ़ संकल्प और जज्बे से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर, हमारे संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया था। मैं उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देता हूं जो आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए शहीद हुए। यह राष्ट्र इन वीर योद्धाओं के बलिदान और शहादत का हमेशा ऋणी रहेगा।”

