राष्ट्रपति मुर्मु ने लिखा चीन के राष्ट्रपति को पत्र
Oct 2, 2024, 20:28 IST
नई दिल्ली, 2 अक्टूबर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को ‘पीपल रिपब्लिक ऑफ चाइना’ की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर बधाई संदेश भेजा है। 1 अक्टूबर 1949 को चीन में कम्युनिस्ट शासन की स्थापना हुई थी। पार्टी नेता माओत्से तुंग ने इस दिन ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी)’ के निर्माण की घोषणा की थी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 27 सितंबर को चीन के राष्ट्रपति को यह पत्र लिखा था। चीन के भारत में राजदूत जू फेइहोंग ने आज से सोशल मीडिया पर पत्र को साझा किया है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने पत्र में कहा है कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश हैं, जिनके साझा क्षेत्रीय हित और कई विकासात्मक चुनौतियां हैं। इसे देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश शांतिपूर्ण एवं स्थिर संबंधों की दिशा में प्रयास करें। वे उनके साथ मिलकर पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध बनाने तथा दोनों देशों, क्षेत्र और विश्व के लोगों के लाभ के लिए अपनी-अपनी शक्तियों का उपयोग करने के लिए तत्पर हैं।
राष्ट्रपति ने अपने पत्र में राष्ट्रपति शी के बेहतर स्वास्थ्य और चीन के लोगों की प्रगति और समृद्धि की कामना की है।
दूसरी ओर चीन के राजदूत ने भी इसे साझा करते हुए कहा है कि चीन आपसी सम्मान, समझ, विश्वास, समायोजन और उपलब्धि के सिद्धांत के अनुसार द्विपक्षीय संबंधों को स्वस्थ और स्थिर रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने के लिए तैयार है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 27 सितंबर को चीन के राष्ट्रपति को यह पत्र लिखा था। चीन के भारत में राजदूत जू फेइहोंग ने आज से सोशल मीडिया पर पत्र को साझा किया है।
राष्ट्रपति मुर्मु ने पत्र में कहा है कि भारत और चीन दो बड़े पड़ोसी देश हैं, जिनके साझा क्षेत्रीय हित और कई विकासात्मक चुनौतियां हैं। इसे देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश शांतिपूर्ण एवं स्थिर संबंधों की दिशा में प्रयास करें। वे उनके साथ मिलकर पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंध बनाने तथा दोनों देशों, क्षेत्र और विश्व के लोगों के लाभ के लिए अपनी-अपनी शक्तियों का उपयोग करने के लिए तत्पर हैं।
राष्ट्रपति ने अपने पत्र में राष्ट्रपति शी के बेहतर स्वास्थ्य और चीन के लोगों की प्रगति और समृद्धि की कामना की है।
दूसरी ओर चीन के राजदूत ने भी इसे साझा करते हुए कहा है कि चीन आपसी सम्मान, समझ, विश्वास, समायोजन और उपलब्धि के सिद्धांत के अनुसार द्विपक्षीय संबंधों को स्वस्थ और स्थिर रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने के लिए तैयार है।